पिता की दुकान, बेटी का सपना: BPSC में 116वीं रैंक हासिल कर बनी DSP, दादा-दादी के आंखों में खुशी के आंसू

पिता की दुकान, बेटी का सपना: BPSC में 116वीं रैंक हासिल कर बनी DSP, दादा-दादी के आंखों में खुशी के आंसू
Last Updated: 4 घंटा पहले

BPSC 69th Result 2024: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) का 69वां परीक्षा परिणाम जारी हो चुका है। इस बार सफलता की कहानी में एक नाम खास तरीके से उभरा है, और वह नाम है पूर्णिया जिले की भावना कुमारी। भावना ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से इस बार डीएसपी पद के लिए 116वीं रैंक हासिल की है। खास बात यह है कि वह अपने परिवार की पहली महिला हैं, जिन्होंने इस प्रशासनिक सेवा में कदम रखा है।

तीसरे प्रयास में मिली सफलता

भावना कुमारी, जो हरदा बाजार के एक छोटे से गांव से आती हैं, ने अपनी सफलता के लिए तीन वर्षों तक निरंतर संघर्ष किया। उन्होंने लोकल मीडिया से बात करते हुए बताया कि पिछले दो प्रयासों में उन्हें असफलता मिली थी, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी मेहनत को और बढ़ाया। भावना रोजाना 8 से 9 घंटे तक पढ़ाई करती थीं और इस बार उनका वह प्रयास सफल हुआ।

उन्होंने कहा, "असफलताएं जीवन का हिस्सा होती हैं। इनसे घबराना नहीं चाहिए, बल्कि इन्हें अपने अगले प्रयास के लिए प्रेरणा बनाना चाहिए।" यह उनका दृढ़ नायकत्व ही था, जिसने उन्हें इस कठिन रास्ते में आगे बढ़ने की ताकत दी।

परिवार और दादा-दादी की खुशी का ठिकाना नहीं

भावना की सफलता ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव को गर्व महसूस कराया। उनके पिता, श्री विनोद कुमार साह, जो कि हरदा बाजार में एक मेडिकल दुकान चलाते हैं, ने अपनी बेटी की सफलता पर गर्व महसूस किया। उनकी माता, श्रीमती विना देवी, जो एक गृहिणी हैं, भी भावनात्मक रूप से अपनी बेटी की सफलता पर बहुत खुश थीं।

इस सफलता के बारे में बात करते हुए भावना के दादा, श्री हरीश नारायण साह की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा, "यह मेरी पोती के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे खानदान के लिए गर्व का पल है।" भावनाओं को नियंत्रित करते हुए उन्होंने कहा, "हमारे लिए यह खुशी के आंसू हैं। इस सफलता ने हमें अभिभूत कर दिया है।"

गांव और समुदाय में खुशी का माहौल

जब से भावना की सफलता की खबर गांव में फैली, तब से हरda बाजार में खुशी का माहौल है। गांव के लोग अपनी बहन, बेटी, और पोती की सफलता पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि मनीष कुमार भारती ने भी भावना की सफलता पर उन्हें बधाई दी और कहा, "भावना की यह सफलता उन छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो एक या दो बार असफल होने के बाद हार मान लेते हैं।"

गांव के लोगों ने कहा कि भावना ने दिखाया है कि अगर मन में दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो किसी भी मंजिल को हासिल किया जा सकता है। उनकी सफलता ने न केवल हरदा बाजार, बल्कि पूरा पूर्णिया जिला गौरवान्वित किया है।

भावना का संघर्ष और प्रेरणा

भावना का जीवन एक प्रेरणा है, खासकर उन छात्रों के लिए जो असफलताओं से घबराकर अपने रास्ते बदल लेते हैं। उन्होंने सिद्ध कर दिया कि मेहनत, समर्पण और सही दिशा में किया गया प्रयास अंततः सफलता की कुंजी बनते हैं।

अपने तीसरे प्रयास में सफलता पाने के बाद अब वह प्रशासनिक सेवा में डीएसपी के रूप में काम करने के लिए तैयार हैं। उनका यह सफर इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि सफलता के लिए कभी भी समय की कोई सीमा नहीं होती। असफलताओं से घबराए बिना अगर आप अपने प्रयासों को निरंतर बढ़ाते रहें, तो सफलता अवश्य मिलती है।

जब किसी साधारण परिवार से कोई बड़ी सफलता प्राप्त करता है, तो वह केवल उस परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है। भावना कुमारी की सफलता न केवल उनके परिवार और गांव के लिए गर्व का कारण है, बल्कि यह लाखों छात्रों के लिए भी प्रेरणा का एक उज्जवल उदाहरण है। उनके संघर्ष और मेहनत से यह स्पष्ट है कि अगर मन में कुछ करने की चाह हो, तो सफलता किसी भी कीमत पर मिलती है।

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