कहते हैं कि किस्मत हर किसी के दरवाजे पर एक बार दस्तक देती है और इसका फायदा उठाना आप पर निर्भर करता है। कुछ ऐसा ही हुआ, आंध्र प्रदेश के बापटला जिले की रहने वाली वेन्नम अनुषा के साथ, जो भारतीय वन सेवा (IFS) परीक्षा में अपने कठिन संघर्ष के बाद सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचीं।
शुरुआत में आई कठिनाइयाँ
अनुषा की यात्रा कठिनाईयों से भरी हुई थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका बचपन चुनौतियों से भरा था, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती उनके पिता का निधन था। इस घटना ने उनकी जिंदगी में एक बड़ा शून्य छोड़ दिया, लेकिन इस दुखद घड़ी में भी उन्होंने खुद को संभाला और आगे बढ़ने की ताकत जुटाई। 12वीं कक्षा तक लगातार टॉपर रही अनुषा को यह साबित करना था कि वह किसी भी परिस्थिति में सफलता की ओर बढ़ सकती हैं।
बीटेक और नौकरी के बाद यूपीएससी की ओर रुख
अनुषा ने 2014 में बापटला इंजीनियरिंग कॉलेज से आईटी में बीटेक किया और इसके बाद डेढ़ साल तक प्राइवेट सेक्टर में काम किया। लेकिन 2017 में, उन्होंने अपने करियर को त्यागते हुए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया। इसके बाद उनका सामना सात बार की असफलता से हुआ, जिसमें 2019 में मुख्य परीक्षा में मात्र एक अंक से बाहर रह जाना और 2020 में CSAT में महज 0.05 अंक से असफलता का सामना करना शामिल था।
किस्मत ने दिया एक और मौका
2021 में उनका आखिरी प्रयास था, जिसमें वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचीं, लेकिन अंतिम चयन से केवल चार अंकों से चूक गईं। यह समय उनके लिए बेहद निराशाजनक था, और वह यह मानने लगी थीं कि शायद उनके लिए यह रास्ता नहीं था। लेकिन इसी वक्त उनके एक गुरु ने उन्हें भारतीय वन सेवा (IFS) परीक्षा देने की सलाह दी। यह विचार उनके लिए बिल्कुल नया था, और उन्होंने कभी इस दिशा में सोचा नहीं था।
IFS परीक्षा की ओर नया कदम
इस नई राह को अपनाते हुए, अनुषा ने 2023 में UPSC IFS परीक्षा की तैयारी शुरू की और दिल्ली चली गईं। कठिन परिश्रम और समर्पण के साथ उन्होंने परीक्षा में सफलता प्राप्त की और 73वीं ऑल इंडिया रैंक के साथ भारतीय वन सेवा अधिकारी बनीं।
शिखर की ओर पहुंचने की प्रेरक कहानी
अनुषा की यह सफलता यह दर्शाती है कि जीवन में हर कठिनाई के बाद एक नया अवसर छिपा होता है। उन्होंने संघर्षों से जूझते हुए कभी हार नहीं मानी और अंततः अपनी मंजिल को हासिल किया। उनका यह सफर हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने सपनों की ओर बढ़ना चाहता हैं।
कभी हार न मानने की सीख
वेन्नम अनुषा की कहानी यह साबित करती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, अगर आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिल से मेहनत करें और कभी हार न मानें, तो सफलता जरूर मिलेगी। उनका यह संदेश उन सभी लोगों के लिए है, जो किसी न किसी कारण से निराश हैं और अपने सपनों को छोड़ने का सोच रहे हैं।
अनुषा की कहानी ने यह साबित कर दिया है कि सफलता केवल हार को पार करने वालों को मिलती है, और किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती हैं।