कहते हैं कि जब परिस्थितियाँ मुश्किल होती हैं, तो इंसान को मजबूत बना देती हैं। राजस्थान के छोटे से गाँव से निकलकर IAS बनने वाले हेमंत पारीक की कहानी कुछ ऐसी ही है। बचपन में गरीबी और मजाक उड़ाने वालों से जूझते हुए उन्होंने UPSC 2023 में सफलता हासिल की और ऑल इंडिया रैंक 884 प्राप्त की। उनकी कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की हिम्मत रखते हैं।
गरीबी और संघर्ष से भरा बचपन
हेमंत पारीक का जन्म राजस्थान के एक गरीब परिवार में हुआ। उनके पिता मंदिरों में पूजा-पाठ करवाते थे, जिससे बहुत मामूली आमदनी होती थी। मां मनरेगा में मजदूरी करके घर का खर्च चलाती थीं। घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि अक्सर दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिलती थी। इसके अलावा, हेमंत खुद भी दिव्यांग हैं – उनका एक हाथ पूरी तरह से काम नहीं करता।
घर की खराब हालत के कारण उनका परिवार हरियाणा चला गया, लेकिन वहां भी संघर्ष जारी रहा। उनकी मां दिन में मजदूरी और शाम को खेतों में काम करती थीं।
एक ठेकेदार की बात ने बदल दी जिंदगी
हेमंत के जीवन में एक घटना ने बड़ा बदलाव ला दिया। एक दिन उनकी मां ने मनरेगा के तहत काम किया, लेकिन ठेकेदार ने 220 रुपये नहीं दिए। जब हेमंत ने पैसे मांगे, तो ठेकेदार ने मजाक उड़ाते हुए कहा, "क्या तुम कलेक्टर हो?" इस बात ने हेमंत के मन में आग जला दी। उसी दिन उन्होंने ठान लिया कि वे सच में कलेक्टर बनकर दिखाएंगे।
मजाक उड़ाने वालों को जवाब देकर बढ़ाया कदम
हेमंत जब कॉलेज पहुंचे, तो उनके सीनियर्स ने भी उनका मजाक उड़ाया। वे कहते थे, "तुम तो IAS बनोगे!" ये बातें दूसरों के लिए मजाक थीं, लेकिन हेमंत के लिए चुनौती बन गईं। उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और UPSC की तैयारी शुरू कर दी। अंग्रेजी नहीं आती थी, पैसे भी नहीं थे. हेमंत को पढ़ाई में काफी दिक्कतें आईं। 10वीं कक्षा तक उन्हें अंग्रेजी बिल्कुल नहीं आती थी। उनके टीचर ने उन्हें प्रेरित किया और मेहनत करने के लिए कहा। किसी तरह स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन किया।
कॉलेज में पैसे की इतनी तंगी थी कि रविवार को भूखे पेट रहना पड़ता था, क्योंकि उस दिन मेस बंद रहता था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
UPSC की तैयारी और दोस्तों का साथ
कॉलेज खत्म होने के बाद हेमंत ने UPSC की तैयारी शुरू की। यह सफर उनके लिए बेहद कठिन था। कई बार हिम्मत टूटने लगी और उन्होंने जीने की चाह तक खो दी, लेकिन उनके दोस्तों ने उनका हौसला बनाए रखा। 2023 में हेमंत ने ऑल इंडिया रैंक 884 के साथ UPSC परीक्षा पास कर ली और अपने संघर्ष को सफलता में बदल दिया।
संघर्ष से मिली सीख
हेमंत पारीक की कहानी यह साबित करती है कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो हालात चाहे जितने भी कठिन हों, सफलता जरूर मिलती है। जिन लोगों ने कभी उनका मजाक उड़ाया था, आज वही लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। उनकी यह सफलता उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों को छोड़ने की सोचते हैं। हेमंत ने साबित कर दिया कि हौसला और मेहनत से हर बाधा पार की जा सकती है।