Success Story: IPS से IAS तक का सफर; चौथे प्रयास में टॉप 10 में जगह बनाने वाले कार्तिक जीवानी की प्रेरणादायक कहानी

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यूपीएससी की परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, जहां हर साल लाखों अभ्यर्थी अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत करते हैं। कुछ उम्मीदवार इस परीक्षा को कई बार देने के बावजूद सफल नहीं हो पाते, तो कुछ अपने जुनून और मेहनत से सफलता की मिसाल कायम कर देते हैं। 

गुजरात के कार्तिक जीवानी भी ऐसे ही एक प्रेरणादायक शख्सियत हैं, जिन्होंने चार बार यूपीएससी परीक्षा दी, तीन बार सफल हुए और आखिरकार चौथे प्रयास में ऑल इंडिया 8वीं रैंक लाकर IAS बनने का सपना पूरा किया।

गुजराती मीडियम से IIT बॉम्बे तक का सफर

कार्तिक जीवानी का शुरुआती सफर किसी साधारण छात्र की तरह ही था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा आठवीं कक्षा तक गुजराती माध्यम से की और बाद में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ाई जारी रखी। उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। पढ़ाई में अच्छे होने के कारण उन्होंने JEE Mains और JEE Advanced की परीक्षा दी और शानदार प्रदर्शन करते हुए IIT बॉम्बे में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया।

यूपीएससी का पहला प्रयास असफल

IIT बॉम्बे में पढ़ाई के दौरान ही कार्तिक ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया। 2016 में उन्होंने पहली बार परीक्षा दी, लेकिन सफल नहीं हो सके। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी गलतियों से सीखते हुए तैयारी जारी रखी।

दूसरे प्रयास में बने IPS

2019 में अपने दूसरे प्रयास में, कार्तिक ने ऑल इंडिया 94वीं रैंक हासिल की, जिससे वह IPS अधिकारी बने। हालांकि, वह IAS के लिए सिर्फ दो रैंक से चूक गए। इस दौरान उन्होंने पुलिस सेवा की ट्रेनिंग शुरू की, लेकिन उनका सपना अभी अधूरा था।

तीसरे प्रयास में 84वीं रैंक

IPS बनने के बावजूद, कार्तिक का लक्ष्य IAS बनना था। उन्होंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान भी पढ़ाई जारी रखी और 2019 में तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया 84वीं रैंक प्राप्त की। यह एक शानदार उपलब्धि थी, लेकिन वह इससे भी बेहतर करना चाहते थे।

चौथे प्रयास में टॉप 10 में जगह, बने IAS

2020 में अपने चौथे प्रयास में उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर 8वीं रैंक हासिल की और आखिरकार IAS बनने का सपना साकार किया। खास बात यह है कि उन्होंने अपनी IPS ट्रेनिंग के दौरान भी परीक्षा की तैयारी की और सिर्फ 15 दिन की छुट्टी लेकर यूपीएससी परीक्षा दी।

रोजाना 10 घंटे की पढ़ाई और स्मार्ट स्ट्रैटेजी से मिली सफलता

कार्तिक ने रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करने का नियम बनाया।
उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की स्टडी मटेरियल का इस्तेमाल किया।
सिर्फ किताबों पर निर्भर रहने की बजाय, उन्होंने करंट अफेयर्स, नोट्स और डिजिटल रिसोर्सेज का पूरा लाभ उठाया।
उनका मानना है कि स्मार्ट प्लानिंग और निरंतर अभ्यास से कोई भी यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर सकता है।
सफलता का मंत्र: लक्ष्य बड़ा हो तो मेहनत भी उतनी ही जरूरी

कार्तिक जीवानी की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी यात्रा यह साबित करती है कि लगातार मेहनत, सही रणनीति और आत्मविश्वास के साथ कोई भी बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। उनके अनुसार, "अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।"

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