मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में एक ऐतिहासिक दिन आने वाला है। 30 नवंबर 2024 को, मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना की विदाई परेड में उनकी बेटी और आईपीएस अफसर सोनाक्षी सक्सेना, जो वर्तमान में भोपाल में DCP इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं, परेड कमांडर के तौर पर शामिल होंगी। यह न केवल मध्य प्रदेश पुलिस के इतिहास में एक नई शुरुआत होगी, बल्कि यह एक प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा, जब पिता को उनकी विदाई पर सलामी देने वाली उनकी अपनी बेटी होगी।
आईपीएस बनने तक का सफर
सोनाक्षी सक्सेना का आईपीएस बनने का सफर बहुत ही प्रेरणादायक और संघर्षपूर्ण रहा है। उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करते ही UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि, यह यात्रा आसान नहीं थी। कई बार उन्होंने परीक्षा में सफलता नहीं पाई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः 2019 में 189वीं रैंक के साथ आईपीएस अफसर बनीं।
सोनाक्षी का मानना है कि यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए सिर्फ मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। वे बताती हैं, “अगर आप डेडिकेटेड और फोकस होकर तैयारी करेंगे, तो सफलता जरूर मिलेगी। भगवान की कृपा से ही मैं यहां तक पहुंच पाई हूं।”
पिता से मिली प्रेरणा
सोनाक्षी सक्सेना का पुलिस सेवा में इंटरेस्ट उनके पिता, डीजीपी सुधीर सक्सेना से प्रेरित था। वे बचपन से ही अपने पिता को पुलिस की जिम्मेदारियों को निभाते हुए देखते आए हैं और इस कारण उनका मन भी पुलिस सेवा में आने के लिए उत्सुक हुआ। सोनाक्षी कहती हैं, “मेरे पिता का काम देखकर ही मुझे पुलिस में करियर बनाने की प्रेरणा मिली। उनके कड़ी मेहनत और समर्पण को देखकर मैं भी यही चाहती थी कि मैं भी किसी दिन पुलिस सेवा में अपना योगदान दूं।”
पिता को विदाई परेड में सलामी देना सौभाग्य
सोनाक्षी के लिए 30 नवंबर का दिन बेहद खास होने वाला है, क्योंकि इस दिन उन्हें अपने पिता, डीजीपी सुधीर सक्सेना को विदाई परेड में सलामी देने का अवसर मिलेगा। उन्होंने इस अवसर के बारे में बात करते हुए कहा, “मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने का मौका मिल रहा है। यह मेरे लिए एक गर्व और खुशी का पल है। मैं अपने पिता को उनकी विदाई परेड में सलामी दूंगी, यह मेरे लिए भगवान की कृपा है।”
पुलिस सेवा में चुनौती और समर्पण
पुलिस की नौकरी में आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों पर बात करते हुए सोनाक्षी ने बताया कि पुलिस में कोई निश्चित ड्यूटी टाइम नहीं होता है, और कभी-कभी काम का दबाव बहुत बढ़ जाता है। हालांकि, उनका मानना है कि अगर आप एक अच्छे उद्देश्य के लिए काम कर रहे हैं, तो ये चुनौतियां खुद ही आसान लगने लगती हैं। वे कहती हैं, “हमारा मुख्य उद्देश्य यह होता है कि हम जनता को सुरक्षित महसूस कराएं। जब लोग सुरक्षित महसूस करते हैं, तो हमारा काम सार्थक होता है। हालांकि, हमारी ड्यूटी टाइम बहुत ही फ्लेक्सिबल होती है, लेकिन हम इस पर अच्छे से एडजस्ट कर लेते हैं।”
सोनाक्षी का संदेश
सोनाक्षी ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उनका कहना है, “जो भी छात्र यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि यह कोई साधारण परीक्षा नहीं है। इसे पास करने के लिए निरंतर मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। वे छात्रों से यह भी कहती हैं कि हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें और कभी हार न मानें।”
नया अध्याय लिखने जा रही हैं सोनाक्षी
30 नवंबर 2024 को जब सोनाक्षी सक्सेना, अपने पिता को विदाई परेड में सलामी देंगी, तो यह न केवल एक ऐतिहासिक पल होगा बल्कि यह मध्य प्रदेश पुलिस के इतिहास में एक नया अध्याय भी होगा। यह दिन हर उस लड़की के लिए प्रेरणा बनेगा जो किसी भी क्षेत्र में खुद को साबित करना चाहती है और यह दिखाएगा कि अगर लक्ष्य दृढ़ हो तो किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता हैं।
सोनाक्षी सक्सेना का यह सफर न केवल पुलिस सेवा में अपने पिता के पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा देता है, बल्कि यह यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाने के लिए संघर्ष और समर्पण की मिसाल भी है। 30 नवंबर का दिन सिर्फ एक विदाई परेड नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत और आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का दिन साबित होने वाला हैं।