IAS Success Story: यूपीएससी के इतिहास में सबसे उच्चतम स्कोर के साथ बने टॉपर, हर मुश्किल को पार कर हासिल की सफलता

IAS Success Story: यूपीएससी के इतिहास में सबसे उच्चतम स्कोर के साथ बने टॉपर, हर मुश्किल को पार कर हासिल की सफलता
Last Updated: 14 दिसंबर 2024

भारत में लाखों उम्मीदवार हर साल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखते हैं। यह सपना सिर्फ एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक ऐसा संघर्ष है, जिसे हासिल करना आसान नहीं होता। यूपीएससी को भारत की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है, जहां केवल चुनिंदा ही सफलता प्राप्त करते हैं।

इसी कठिन रास्ते पर चलते हुए तेलंगाना के अनुदीप दुरीशेट्टी ने एक मिसाल कायम की है। उन्होंने साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 1 हासिल किया और साथ ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के इतिहास में सबसे उच्चतम स्कोर भी प्राप्त किया।

तीन असफल प्रयासों के बाद मिली सफलता

अनुदीप दुरीशेट्टी का यह सफर आसान नहीं था। उन्होंने इस परीक्षा को पास करने के लिए तीन बार कोशिश की, लेकिन पहले तीन प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प के साथ चौथे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 1 प्राप्त की। अनुदीप द्वारा हासिल किया गया यह स्कोर 2025 में से 1126 अंक था, जो आज तक किसी भी उम्मीदवार द्वारा प्राप्त सबसे उच्चतम स्कोर हैं।

शिक्षा और पृष्ठभूमि

अनुदीप का जन्म तेलंगाना के जगित्याल जिले के मेटपल्ली में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्री सूर्योदय हाई स्कूल से प्राप्त की और फिर श्री चैतन्य जूनियर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद, उन्होंने राजस्थान के बिट्स पिलानी में एडमिशन लिया और 2011 में इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की।

कॉलेज के बाद, अनुदीप ने गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करना शुरू किया, लेकिन उनका मन हमेशा यूपीएससी परीक्षा की ओर था। अनुदीप ने यूपीएससी की कोई औपचारिक कोचिंग नहीं ली, बल्कि सेल्फ स्टडी और ऑनलाइन रिसोर्सेस का उपयोग करके परीक्षा की तैयारी की।

कठिनाईयों को पार करना

अनुदीप के पिता डी. मनोहर तेलंगाना नॉर्दर्न पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में सहायक डिवीजनल इंजीनियर के तौर पर काम करते हैं, जबकि उनकी मां ज्योति गृहिणी हैं। अनुदीप का मानना है कि उनके परिवार का सपोर्ट और उनके माता-पिता की मेहनत ने उन्हें कठिन समय में साहस और प्रेरणा दी।

यूपीएससी की तैयारी के दौरान अनुदीप को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका कहना है, "सच्ची मेहनत और एक मजबूत इरादा ही सफलता का रास्ता खोलते हैं। अगर आप ठान लें, तो कोई भी कठिनाई आपको आपके लक्ष्य से रोक नहीं सकती।"

सफलता का राज

अनुदीप की सफलता का सबसे बड़ा कारण उनका निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास है। वे मानते हैं कि आत्म-संयम और लगातार अभ्यास ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने सेल्फ स्टडी को ही अपनी सफलता का मुख्य आधार बताया।

उनका कहना है, "यदि आपके पास सही दिशा में मेहनत करने का जज़्बा हो, तो किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। मैंने कभी कोचिंग का सहारा नहीं लिया, लेकिन मैंने इंटरनेट से बहुत कुछ सीखा।"

यूपीएससी के प्रति अनुदीप का दृष्टिकोण

अनुदीप का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा सिर्फ एक ज्ञान की परीक्षा नहीं है, बल्कि यह एक मानसिक संघर्ष भी है। परीक्षा के लिए जरूरी है कि आप अपनी कमजोरी को पहचानें और लगातार उसे सुधारें। उन्होंने अपने सभी साथियों को यह सलाह दी है कि वे हार से घबराएं नहीं और हमेशा अपनी गलतियों से सीखें।

प्रेरणा का स्रोत

अनुदीप के लिए उनकी माँ और पिता हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहे। उनके परिवार का समर्थन और संघर्ष ही उनकी सफलता की नींव बने। उन्होंने अपने संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा, "मेरे माता-पिता ने मुझे कभी यह नहीं कहा कि मैं क्या करूं, लेकिन उन्होंने हमेशा मुझे अपना सबसे अच्छा करने के लिए प्रेरित किया।"

अनुदीप दुरीशेट्टी की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अगर आप कठिनाईयों को चुनौती समझकर उन्हें पार करने की कोशिश करते हैं, तो सफलता एक दिन जरूर मिलेगी। उनकी कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प ने उन्हें यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में सफलता दिलाई। उनके संघर्ष और समर्पण से लाखों छात्र प्रेरणा ले सकते हैं और यह समझ सकते हैं कि सफलता केवल मेहनत से ही हासिल की जा सकती है।

अनुदीप की सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि यदि आपके पास दृढ़ निश्चय और सही दिशा में मेहनत करने का जज़्बा हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता हैं।

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