धक्कामुक्की मामले में क्राइम ब्रांच करेगी घायल सांसदों से पूछताछ, राहुल गांधी ने दिल्ली से बाहर जाने का लिया फैसला

धक्कामुक्की मामले में क्राइम ब्रांच करेगी घायल सांसदों से पूछताछ, राहुल गांधी ने दिल्ली से बाहर जाने का लिया फैसला
Last Updated: 4 घंटा पहले

हाल ही में संसद में हुए धक्कामुक्की मामले को लेकर एक बार फिर राजनीति गर्मा गई है। जहां एक ओर क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले में घायल सांसदों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस विवाद के बीच महाराष्ट्र के परभणी दौरे पर जा रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप हैं कि उन्होंने इस घटना को लेकर सही तरीके से बयान नहीं दिया और उनकी मौजूदगी में विवाद और भी गहरा गया। हालांकि राहुल गांधी इस मामले से कुछ समय के लिए दूर रहेंगे और सोमवार को परभणी जाएंगे, जहां वह मृतकों के परिवारों से मिलने वाले हैं।

क्राइम ब्रांच की पूछताछ घायल सांसदों से जानकारी जुटाने की योजना

संसद में हुई धक्कामुक्की के मामले में अब क्राइम ब्रांच जांच शुरू करने जा रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सोमवार को इस मामले में घायल सांसदों से पूछताछ की जा सकती है। यह पूछताछ संसद में हुई हिंसा की तह तक पहुंचने और आरोपियों की पहचान करने के लिए की जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए, क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने इस मामले को प्राथमिकता देते हुए जांच प्रक्रिया तेज कर दी है।

घायल सांसदों से पूछताछ के बाद पुलिस मामले में किसी भी तरह के साक्ष्य जुटाने की कोशिश करेगी। फिलहाल, इस मामले में कई सवाल उठ रहे हैं और राजनीतिक नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

राहुल गांधी का परभणी दौरा कांग्रेस की पहल और बीजेपी का विरोध

राहुल गांधी ने सोमवार को परभणी जाने का फैसला किया है, जहां वे हाल ही में हुई हिंसा में मारे गए दो लोगों के परिवारों से मुलाकात करेंगे। इस हिंसा के बाद कांग्रेस पार्टी और अन्य दलों ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। राहुल गांधी के दौरे को लेकर महाराष्ट्र बीजेपी ने इसे 'नौटंकी' करार दिया है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी मृतकों के परिजनों से संवेदना व्यक्त करने जा रहे हैं।

परभणी हिंसा क्या था मामला?

महाराष्ट्र के परभणी में 10 दिसंबर को संविधान की प्रतिकृति को नुकसान पहुंचाए जाने के बाद हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में सोमनाथ सूर्यवंशी और विजय वाकोडे की जान गई। आरोप यह भी है कि सूर्यवंशी की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी, जबकि वाकोडे की मौत विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाते हुए पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने की योजना बनाई है।

राहुल गांधी के साथ महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार भी इस दौरे में शामिल होंगे। उनके परभणी दौरे के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की भी योजना है, जिसमें वे हिंसा पर अपने विचार साझा करेंगे।

बीजेपी की प्रतिक्रिया 'नौटंकी' करार दिया दौरा

बीजेपी ने राहुल गांधी के परभणी दौरे को लेकर आक्रामक प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राहुल गांधी की यह यात्रा सिर्फ राजनीति करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि इस समय कांग्रेस को लोगों के मुद्दों पर काम करने की जरूरत है, कि इस तरह की नौटंकी करने की।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की और कहा कि सरकार ने पहले ही परभणी हिंसा की न्यायिक जांच का आदेश दिया है और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है।

शरद पवार की प्रतिक्रिया 'सत्य की लड़ाई'

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी परभणी हिंसा के मामले में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया था, लेकिन हिंसा का इस्तेमाल किया गया, जो कि स्वीकार्य नहीं है। पवार ने राज्य सरकार से मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में हों।

नतीजा राजनीतिक विवाद के बीच समाधान की आवश्यकता

इस मामले में एक तरफ सरकार अपनी कार्रवाई को सही ठहरा रही है, तो दूसरी तरफ विपक्ष इसे राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश कर रहा है। राहुल गांधी का परभणी दौरा और बीजेपी की आलोचनाओं के बीच यह सवाल उठता है कि क्या यह दौरा राजनीतिक स्थिति को बदलने में सफल होगा या नहीं।

राहुल गांधी का परभणी दौरा इस विवाद को और भी बढ़ा सकता है, लेकिन साथ ही यह इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता भी दिखाता है। क्या यह राजनीतिक हलचल केवल एक विवाद को बढ़ावा देगी या इससे समाज में शांति और समझ का माहौल बनेगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

 दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

कुल मिलाकर, यह मामला केवल राज्य सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह राजनीति में भी एक बड़ा विवाद बन चुका है। राहुल गांधी का परभणी दौरा और बीजेपी का विरोध, दोनों ही पक्षों के लिए चुनावी साल में एक अहम मुद्दा साबित हो सकते हैं।

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