वैश्विक व्यापार जगत की निगाहें एक बार फिर भारत और अमेरिका के बीच चल रही टैरिफ वार्ता पर टिक गई हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी उषा वेंस 21 अप्रैल को भारत दौरे पर आ रहे हैं। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सम्मान में विशेष डिनर की मेज़बानी करेंगे।
India-US Trade Talk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगाने के फैसले के बाद वैश्विक आर्थिक अस्थिरता में फिलहाल कुछ राहत दिखाई दे रही है। इसी माहौल के बीच भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत तेज हो गई है। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को समय सीमा के दबाव में आकर जल्दबाजी में पूरा नहीं करेगी और देश के आर्थिक हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस कूटनीतिक गतिविधि के तहत अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और ट्रंप प्रशासन की टीम के प्रमुख सदस्य माइकल वाल्ट्ज भारत दौरे पर आ रहे हैं।
टैरिफ विवाद में नरमी, अब बढ़ेगी बातचीत?
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ पर 90 दिनों की अस्थायी रोक ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक माहौल को थोड़ी स्थिरता दी है। भारत सरकार अब इस मौके का फायदा उठाकर अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को नई दिशा देना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक, जेडी वेंस की भारत यात्रा टैरिफ से जुड़े अटके मसलों को हल करने में एक अहम भूमिका निभा सकती है।
हालांकि वेंस की यात्रा को 'व्यक्तिगत' करार दिया जा रहा है, फिर भी पीएम मोदी के साथ डिनर में व्यापार और रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा से इनकार नहीं किया जा सकता। उनके अलावा, अमेरिकी सांसद माइकल वाल्ट्ज भी लगभग उसी समय भारत पहुंचेंगे और वह भारत-अमेरिका फोरम में हिस्सा लेंगे। उनकी एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की भी संभावना है।
कूटनीतिक हलचलें तेज़, बढ़ेगा भारत-अमेरिका सहयोग?
इस दौरे के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के भी भारत आने की उम्मीद जताई जा रही है। यह दौर क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले की रणनीतिक तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है। आगामी महीने में ऑस्ट्रेलिया में चुनावों के बाद इस सम्मेलन की तारीखें तय होंगी। वेंस दंपति की यात्रा में आगरा और जयपुर जैसे पर्यटन स्थलों का भी जिक्र है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि अमेरिका भारत के साथ रिश्तों को कूटनीति के साथ-साथ सांस्कृतिक और सामाजिक धरातल पर भी मजबूत करना चाहता है।