भारत की जनसंख्या ने छुआ नया रिकॉर्ड: दुनिया का सबसे बड़ा आबादी वाला देश बना भारत

भारत की जनसंख्या ने छुआ नया रिकॉर्ड: दुनिया का सबसे बड़ा आबादी वाला देश बना भारत
Last Updated: 22 सितंबर 2024

2024 में भारत की जनसंख्या ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया, जिससे यह आधिकारिक तौर पर विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। वर्तमान अनुमानों के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या अब लगभग 1.43 अरब से अधिक हो चुकी है, जो चीन की जनसंख्या से भी अधिक है। यह विकास भारत के लिए जहां नई संभावनाओं का द्वार खोलता है, वहीं कई गंभीर चुनौतियां भी लेकर आता है।

जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण

भारत की जनसंख्या में यह तेजी पिछले कुछ दशकों में लगातार बढ़ती जन्म दर, घटती मृत्यु दर, और चिकित्सा सुविधाओं में सुधार का परिणाम है। देश में औसत जीवन प्रत्याशा बढ़ी है, जिससे लोग लंबे समय तक जी रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं और टीकाकरण जैसे कार्यक्रमों की उपलब्धता ने शिशु मृत्यु दर में गिरावट लाने में अहम भूमिका निभाई है।

ग्रामीण इलाकों में अब भी परिवारों में अधिक बच्चों की संख्या को प्राथमिकता दी जाती है, जिससे जनसंख्या वृद्धि हो रही है। साथ ही, शहरीकरण की दर बढ़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप शहरों में संसाधनों और रोजगार की मांग भी तेज़ी से बढ़ रही है।

जनसंख्या वृद्धि की चुनौतियाँ

  1. रोजगार और आर्थिक दबाव:
    भारत की विशाल जनसंख्या के साथ सबसे बड़ी चुनौती है सभी के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना। देश में बढ़ती बेरोजगारी दर ने रोजगार सृजन को प्रमुख मुद्दा बना दिया है। अगर जनसंख्या वृद्धि के साथ रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा नहीं किए गए, तो आर्थिक असंतुलन पैदा हो सकता है।

  2. शहरीकरण और बुनियादी ढाँचे पर दबाव:
    तेज़ी से बढ़ता शहरीकरण शहरों में आवास, बिजली, पानी और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं पर भारी दबाव डाल रहा है। बड़े शहरों में जनसंख्या घनत्व बढ़ने से भीड़, यातायात जाम, और प्रदूषण जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।

  3. स्वास्थ्य और शिक्षा:
    विशाल जनसंख्या के लिए स्वास्थ्य सेवाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रबंध करना बड़ी चुनौती है। सरकारी और निजी संस्थाओं पर संसाधनों का भारी दबाव है, और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा की पहुंच अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है।

  4. प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ:
    इतनी बड़ी आबादी के लिए पानी, खाद्य, ऊर्जा, और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की मांग भी बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। भारत जैसे देश के लिए पानी की कमी, प्रदूषण, और कृषि योग्य भूमि की घटती मात्रा गंभीर मुद्दे बनते जा रहे हैं।

बढ़ती जनसंख्या के अवसर

  1. युवा कार्यबल:
    भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा युवा है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े कार्यबल वाले देशों में से एक बनाता है। यह युवा शक्ति यदि सही दिशा में प्रशिक्षित और सक्षम की जाए, तो यह देश की अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। 'डेमोग्राफिक डिविडेंड' का यह दौर भारत के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है।

  2. आर्थिक विकास और नवाचार:
    बढ़ती जनसंख्या के साथ, भारत में उपभोक्ता बाजार भी तेजी से बढ़ रहा है। तकनीकी क्षेत्र, स्टार्टअप, और उद्योगों में नवाचार की दिशा में भारत की बढ़ती रुचि से नए व्यापारिक अवसर पैदा हो रहे हैं, जो आर्थिक विकास में योगदान दे सकते हैं।

  3. वैश्विक नेतृत्व की संभावना:
    विशाल जनसंख्या के कारण, भारत का वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में प्रभाव भी बढ़ रहा है। भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभर रहा है, जहां उसकी जनसंख्या न केवल मानव संसाधन के रूप में बल्कि एक विशाल उपभोक्ता आधार के रूप में भी महत्व रखती है।

जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकारी प्रयास

भारत सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के लिए कई प्रयास किए हैं। 'हम दो, हमारे दो' जैसे अभियान और परिवार नियोजन के कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में चलाए जा रहे हैं। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण कई इलाकों में इन कार्यक्रमों का प्रभाव सीमित रहा है।

सरकार अब तकनीक और डिजिटल माध्यमों का भी उपयोग कर रही है, जिससे जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने में सहायता मिल सके। नीति आयोग और अन्य संस्थान भी जनसंख्या नियंत्रण पर ठोस नीतियों को लागू करने के लिए काम कर रहे हैं।

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