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ISRO का स्पैडेक्स मिशन!  9 जनवरी को होगी डॉकिंग, भारत बनेगा दुनिया का चौथा देश

ISRO का स्पैडेक्स मिशन!  9 जनवरी को होगी डॉकिंग, भारत बनेगा दुनिया का चौथा देश
अंतिम अपडेट: 06-01-2025

इसरो ने स्पैडेक्स मिशन की डॉकिंग को टाल दिया है, जो पहले 7 जनवरी को होनी थी। अब यह 9 जनवरी को होगी। ISRO ने कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया। 30 दिसंबर को स्पैडेक्स मिशन लॉन्च किया गया था।

ISRO Update: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 7 जनवरी को प्रस्तावित स्पैडेक्स मिशन के डॉकिंग तकनीक के प्रदर्शन को दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। अब यह प्रदर्शन 9 जनवरी को होगा। इसरो ने अपने एक्स हैंडल पर इस देरी की घोषणा करते हुए असुविधा के लिए खेद भी व्यक्त किया। अगर यह मिशन सफल रहा, तो भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जो अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करेगा।

30 दिसंबर को लॉन्च हुआ था स्पैडेक्स मिशन

इसरो ने 30 दिसंबर 2024 को स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C60 रॉकेट ने दो छोटे उपग्रह SDX01 और SDX02 के साथ 24 पेलोड को लेकर उड़ान भरी थी। लगभग 15 मिनट बाद इन 220 किलोग्राम वजनी उपग्रहों को 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया गया। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष तकनीक में एक बड़ी छलांग है।

क्यों महत्वपूर्ण है स्पैडेक्स मिशन?

स्पैडेक्स मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में दो छोटे अंतरिक्ष यानों के साथ डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करना है। इस तकनीक की सफलता से भारत को कई भविष्य के अभियानों में लाभ होगा:

चंद्रयान-4 मिशन: इस तकनीक से चंद्रमा से मिट्टी और नमूने लाना आसान होगा।
अंतरिक्ष स्टेशन की तैयारी: भारत अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है, जिसके लिए डॉकिंग तकनीक आवश्यक है।
अंतरिक्ष अभियानों में स्वायत्तता: इस तकनीक के जरिए अंतरिक्ष यानों के आपसी जुड़ाव को सुलभ बनाया जा सकेगा।

स्पैडेक्स: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस मिशन को पूरी तरह स्वदेशी बताया है। उन्होंने कहा कि स्पैडेक्स मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन से मेल खाता है। भारतीय डॉकिंग तकनीक के सफल प्रदर्शन से न केवल अंतरिक्ष में भारत की साख बढ़ेगी, बल्कि यह देश के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को स्वायत्तता और मजबूती भी देगा।

9 जनवरी को सफल प्रदर्शन की उम्मीद

9 जनवरी को इसरो स्पैडेक्स मिशन के तहत डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करेगा। अगर यह मिशन सफल होता है, तो भारत अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में एक और बड़ा मुकाम हासिल करेगा।

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