Columbus

बैसाखी 2025: पीएम मोदी की यात्रा से सुर्खियों में आया आनंदपुर धाम, जानें आश्रम की विशेषताएं

बैसाखी 2025: पीएम मोदी की यात्रा से सुर्खियों में आया आनंदपुर धाम, जानें आश्रम की विशेषताएं
अंतिम अपडेट: 20 घंटा पहले

वैशाखी पर्व 2025 के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मध्य प्रदेश के आनंदपुर धाम आश्रम दौरा इस आश्रम को एक बार फिर राष्ट्रीय सुर्खियों में ले आया है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब आनंदपुर धाम ने देशभर का ध्यान खींचा हो, लेकिन पीएम मोदी की उपस्थिति ने इसकी विशेषताओं को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है।

Anandpur Dham Ashram: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले स्थित प्रसिद्ध आनंदपुर धाम में वैशाखी का पर्व मनाने पहुंचेंगे। यह धाम परमहंस अद्वैत मत का आध्यात्मिक केंद्र है, जहां प्रधानमंत्री संत महात्मा शब्द प्रेमानंद जी और अन्य संतों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वे आश्रम द्वारा संचालित सेवा प्रकल्पों की जानकारी भी लेंगे, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्थान से जुड़े कई कार्य शामिल हैं। वैशाखी के इस भव्य मेले में लगभग 20 हजार श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। 

आनंदपुर धाम महज एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह आधुनिक सुविधाओं और आध्यात्मिक परंपराओं का संगम है, जो मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के ईसागढ़ के पास स्थित है। इस विशाल आश्रम की नींव लगभग 95 साल पहले पड़ी थी, और आज यह 1500 बीघा भूमि में फैला हुआ एक आत्मनिर्भर आध्यात्मिक नगर बन चुका है।

1930 में हुई थी स्थापना, अब बना आध्यात्मिक मॉडल सिटी

गुरु स्वरूप आनंद महाराज द्वारा 1930 के दशक में स्थापित यह आश्रम शुरुआत में एक छोटी सी टपरी मात्र था। धीरे-धीरे यह एक विशाल संस्थान में बदल गया, जो परमहंस अद्वैत मत के मूल्यों और शिक्षाओं का प्रतीक है। वर्तमान में यह स्थान परमहंस अद्वैतानंद जी महाराज की समाधि स्थली भी है और विश्वभर में फैले उनके अनुयायियों के लिए तीर्थ बन चुका है।

पीएम मोदी की यात्रा के लिए विशेष इंतजाम

प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए आश्रम में अस्थायी रूप से चार हेलीपैड बनाए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को अत्यधिक सख्त रखा गया है, और यह कार्यक्रम पूरी तरह निजी रखा गया है, जिसमें कोई जनसभा या आम मुलाकात शामिल नहीं होगी। आश्रम के भीतर पांच प्रमुख गुरुओं के मंदिर हैं, जो चारों ओर से सुंदर सरोवरों से घिरे हुए हैं। इन मंदिरों तक आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम प्रबंधन विशेष वाहन व्यवस्था के जरिए दर्शन कराता है। यह व्यवस्था न केवल संगठित है, बल्कि तीर्थ यात्रा को भी सहज और शांत बनाती है।

खुद की फायर ब्रिगेड और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट सिस्टम

आश्रम की आत्मनिर्भरता इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। यहां खुद की फायर ब्रिगेड, तीन निजी बस स्टैंड, वाहन मरम्मत वर्कशॉप, सीसीटीवी निगरानी, और चौड़ी साफ-सुथरी सड़कें मौजूद हैं। यहां की सफाई व्यवस्था किसी भी आधुनिक टाउनशिप से कम नहीं है। 1954 में स्थापित ‘आनंदपुर धाम ट्रस्ट’ इस आश्रम की संपत्ति और सामाजिक कार्यों की देखरेख करता है। ट्रस्ट के अधीन स्कूल और हॉस्पिटल भी संचालित होते हैं, जो न केवल स्थानीय ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं, बल्कि यह एक आदर्श मॉडल के रूप में भी देखे जा रहे हैं।

कृषि और सेवा का समन्वय

आश्रम की अपनी खेती योग्य जमीनें हैं, जहां पर जैविक खेती की जाती है। इसके अलावा 1300 से अधिक साधु-साध्वियों का यह स्थायी निवास है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी एक सक्रिय संस्था है। बैसाखी पर्व के उपलक्ष्य में इस आश्रम में आयोजित हो रहे मेले में लगभग 20,000 श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि एक बड़े सांस्कृतिक समागम का भी रूप ले चुका है।

Leave a comment