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Maharashtra: शिवाजी के सिंहासन को नमन कर भावुक हुए अमित शाह, जानें क्या कहा?

Maharashtra: शिवाजी के सिंहासन को नमन कर भावुक हुए अमित शाह, जानें क्या कहा?
अंतिम अपडेट: 5 घंटा पहले

अमित शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर रायगढ़ में कहा, "शिवाजी महाराज को महाराष्ट्र तक सीमित न रखें, उनका योगदान पूरे देश और विश्व के लिए प्रेरणादायक है।"

Amit Shah: रायगढ़ किला, महाराष्ट्र में शनिवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार शामिल हुए। इस कार्यक्रम में अमित शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज के अद्वितीय साहस और नेतृत्व की सराहना की और उनकी विरासत को केवल महाराष्ट्र तक सीमित न रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज देश के महान नेता थे और उनकी धरोहर समूचे भारत की है।

शिवाजी महाराज का योगदान

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि जब शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था, तब पूरे देश में निराशा और भय का माहौल था। दक्षिण भारत में भी पतन का दौर था, ऐसे समय में स्वराज्य और स्वधर्म के सिद्धांत अपराध की तरह माने जाते थे। लेकिन एक 12 वर्षीय बालक ने इस स्थिति के खिलाफ उठकर स्वराज्य के लिए संघर्ष शुरू किया और सिंधु से कन्याकुमारी तक भगवा ध्वज लहराने का संकल्प लिया।

उन्होंने कहा, "शिवाजी महाराज के नेतृत्व में मराठों ने मुगलों को हराया और उनकी असाधारण रणनीति और वीरता ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का मार्ग प्रशस्त किया।"

अमित शाह का व्यक्तिगत अनुभव

अमित शाह ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जब उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के सिंहासन को नमन किया, तो उनके मन में जो भावनाएं उमड़ीं, उन्हें शब्दों में व्यक्त करना कठिन था। शाह ने बताया कि इस कार्यक्रम में भाग लेकर उन्हें यह एहसास हुआ कि शिवाजी महाराज की वीरता, संघर्ष और उनकी विचारधारा को केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं किया जा सकता। उनकी विरासत और आदर्शों को पूरे देश में फैलाना चाहिए।

दक्षिण भारत से लेकर भारत के अन्य हिस्सों तक उनकी विरासत

अमित शाह ने यह भी कहा कि शिवाजी महाराज का प्रभाव सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं था। उनके मावले अटक, कटक, बंगाल और दक्षिण तक गए। शिवाजी महाराज की सेना ने अपराजेय साम्राज्य की नींव रखी और उन्होंने बिना वंश-परंपरा और संसाधनों के मुगलों के साम्राज्य को हिला दिया। शाह ने कहा, "स्वराज्य की इस यात्रा ने भारतवासियों को स्वतंत्रता का असली अहसास कराया और उनका नाम देश के हर कोने में सम्मानित किया गया।"

शिवाजी महाराज की विचारधारा

अमित शाह ने शिवाजी महाराज की विचारधारा पर जोर देते हुए कहा कि उनके सिद्धांत स्वधर्म का गर्व, स्वराज्य की आकांक्षा, और अपनी भाषा का सम्मान किसी सीमा में नहीं बंधते। उन्होंने कहा, "यह विचारधारा आज पूरे विश्व में प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है और यह मानव स्वाभिमान के स्तंभ के रूप में हर देश में सम्मानित की जा रही है।"

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