Jammu-Kashmir Politics: 4 नवंबर से होगी जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र की शुरुआत, भाजपा नेता को दिया जा सकता है डिप्टी स्पीकर का पद

Jammu-Kashmir Politics: 4 नवंबर से होगी जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र की शुरुआत, भाजपा नेता को दिया जा सकता है डिप्टी स्पीकर का पद
Last Updated: 2 घंटा पहले

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र 4 नवंबर को श्रीनगर में शुरू होने जा रहा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस सत्र को बुलाने की घोषणा की है। इस सत्र की शुरुआत सुबह 11:30 बजे उपराज्यपाल के संबोधन के साथ होगी। सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी किया जाएगा।

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र 4 नवंबर को शुरू होगा, जिसे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को बुलाने की घोषणा की है। यह सत्र सुबह 11:30 बजे उपराज्यपाल के संबोधन के साथ प्रारंभ होगा। इस सत्र की शुरुआत से पहले, जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर का चुनाव भी होगा। संभावित रूप से, नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर को स्पीकर बनाया जा सकता है, जबकि डिप्टी स्पीकर का पद भाजपा को दिया जाएगा। ध्यान रहे कि भाजपा प्रमुख विपक्षी दल है और सदन में उसके पास 29 विधायक हैं। परंपरा के अनुसार, डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के सदस्य को सौंपा जाता हैं।

श्रीनगर में होगी पहले सत्र शुरुआत

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में 4 नवंबर से शुरू होगा और यह लगभग एक सप्ताह तक चलेगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 1891 के तहत विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा की है। सत्र की शुरुआत से पहले, विधानसभा के स्पीकर का चुनाव भी किया जाएगा। नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के सूत्रों के अनुसार, स्पीकर पद के लिए पार्टी के दो वरिष्ठ नेता, अब्दुल रहीम राथर और अली मोहम्मद सागर, दौड़ में हैं।

दोनों नेता सात बार विधायक चुने जा चुके हैं, लेकिन अब्दुल रहीम राथर आयु के आधार पर सबसे वरिष्ठ विधायक हैं और उन्होंने जम्मू-कश्मीर में वित्तमंत्री समेत विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभाई है। इसलिए, उन्हें स्पीकर बनाए जाने की संभावना अधिक है। यदि अली मोहम्मद सागर को स्पीकर नहीं बनाया जाता है, तो उन्हें या उनके पुत्र सलमान सागर को उमर अब्दुल्ला अपनी मंत्रिपरिषद में शामिल कर सकते हैं।

किसे मिलेगा डिप्टी स्पीकर का पद?

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में डिप्टी स्पीकर का पद नेशनल कान्फ्रेंस ने भाजपा को देने का निर्णय लिया है। भाजपा के संगठन महामंत्री अशोक कौल ने कहा कि भाजपा प्रमुख विपक्षी दल है और सदन में नेशनल कान्फ्रेंस के बाद भाजपा के 29 विधायक हैं, जो कि सबसे अधिक हैं। परंपरा के अनुसार, डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के सदस्य को दिया जाता हैं।

उदाहरण के लिए, पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान डिप्टी स्पीकर का पद नेशनल कान्फ्रेंस के नजीर अहमद खान के पास था। इसलिए, यदि सत्ताधारी दल भाजपा को डिप्टी स्पीकर का पद दे रहा है, तो यह नया नहीं है, बल्कि एक स्थापित परंपरा का पालन किया जा रहा हैं।

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