Jammu-Kashmir: राजौरी में रहस्यमयी बीमारी से दहशत! क्या न्यूरोटॉक्सिन है मौतों का कारण? अब तक 14 लोगों की मौत

Jammu-Kashmir: राजौरी में रहस्यमयी बीमारी से दहशत! क्या न्यूरोटॉक्सिन है मौतों का कारण? अब तक 14 लोगों की मौत
Last Updated: 3 घंटा पहले

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बडाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से मरने वालों की संख्या 14 हुई। सैंपल में न्यूरोटॉक्सिन मिला, लेकिन वायरल इन्फेक्शन की संभावना खारिज।

Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बडाल गांव में रहस्यमयी बीमारी ने अब तक 14 लोगों की जान ले ली है। मंगलवार को एक और बच्ची की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बीमारी ने चार परिवारों को विशेष रूप से प्रभावित किया है, जहां एक माह के भीतर सभी सदस्य काल के गाल में समा गए।

खाना खाने के बाद शुरू हुई समस्या

मुहम्मद असलम के छह बच्चे शुक्रवार रात खाना खाने के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे। इन्हें राजौरी से जीएमसी जम्मू रेफर किया गया, लेकिन यहां दो बच्चों की रविवार को, एक ने सोमवार को और मंगलवार को छह वर्षीय सफीना कौसर की मौत हो गई। सोमवार को असलम के मामा की भी इसी तरह की बीमारी से जान चली गई।

विशेषज्ञों की रिपोर्ट में न्यूरोटॉक्सिन का खुलासा

विशेषज्ञों ने किसी भी प्रकार के वायरल या बैक्टिरियल संक्रमण से इनकार किया है। हालांकि, पीड़ितों के सैंपल में न्यूरोटॉक्सिन की मौजूदगी पाई गई है। न्यूरोटॉक्सिन नर्वस सिस्टम को प्रभावित करते हैं और भोजन या अन्य माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इस बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीमें जांच कर रही हैं।

प्रशासन की सक्रियता

मुख्य सचिव अटल डुल्लु ने अधिकारियों की एक बैठक बुलाई, जिसमें पीजीआई चंडीगढ़, राष्ट्रीय वायरोलॉजी संस्थान, सीएसआईआर और एनसीडीसी के विशेषज्ञ शामिल हुए। इन विशेषज्ञों ने न्यूरोटॉक्सिन की पुष्टि की लेकिन बीमारी के स्रोत का अभी तक पता नहीं चला है। मुख्य सचिव ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को मिलकर काम करने के निर्देश दिए।

ग्रामीणों में दहशत

गांव के लोग अपने बच्चों को घरों से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं और सामूहिक समारोहों से बच रहे हैं। अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और लोगों को स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।

क्या होते हैं न्यूरोटॉक्सिन?

न्यूरोटॉक्सिन ऐसे रासायनिक तत्व होते हैं, जो नर्वस सिस्टम को शिथिल कर देते हैं। ये भोजन, दूषित पानी, या जीव-जंतुओं के काटने से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इनका असर मस्तिष्क और शरीर की तंत्रिकाओं पर होता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

प्रदेश सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए उच्च स्तरीय टीमों को तैनात किया है। गांव में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और लोगों से किसी भी असामान्य लक्षण की तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह किया गया है।

Leave a comment