बोकारो के डाकाबेड़ा ऑपरेशन में पुलिस और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई, 1800 राउंड फायरिंग में 8 नक्सली ढेर हुए, जिनमें इनामी अरविंद यादव भी शामिल था।
बोकारो (झारखंड)। बोकारो जिले के डाकाबेड़ा जंगल में सोमवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। करीब चार घंटे तक चली इस कार्रवाई में दोनों ओर से लगभग 3500 राउंड फायरिंग हुई। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी सहित आठ नक्सली मारे गए। पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहले नक्सलियों ने शुरू की थी गोलीबारी
ऑपरेशन डाकाबेड़ा के तहत सुरक्षा बल क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रहे थे, तभी नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। नक्सली बड़े-बड़े पत्थरों के पीछे छिपकर लगातार गोलियां चला रहे थे। इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने एके-47, इंसास राइफल, एलएमजी और यूबीजीएल से पलटवार करते हुए 1800 से अधिक राउंड गोलियां चलाईं। ऑपरेशन के दौरान एक हैंड ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया गया।
मारे गए नक्सलियों में शामिल हैं बड़े नाम
मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में प्रयाग मांझी के अलावा साहेबराम मांझी, अरविंद यादव उर्फ अविनाश, गंगाराम, महेश, तालो दी, महेश मांझी और रंजू मांझी शामिल हैं। पुलिस ने मौके से हथियारों के अलावा बड़ी संख्या में जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। प्रयाग के पास से एक लोडेड सिक्सर, जबकि अरविंद यादव के पास से 120 जिंदा कारतूस और दो मैगजीन बरामद हुई हैं।
फरार नक्सलियों की पहचान, सर्च ऑपरेशन जारी
मुठभेड़ के दौरान करीब दस नक्सली मौके से फरार हो गए। पुलिस ने फरार नक्सलियों की पहचान कर ली है और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। फरार नक्सलियों में रामखेलावन गंझू, अनुज महतो, चंचल उर्फ रघुनाथ, कुंवर मांझी, फुलचंद्र मांझी समेत अन्य के नाम शामिल हैं। इनके साथ कुछ अज्ञात नक्सलियों के भी शामिल होने की आशंका है।
सुरक्षाबलों को दी गई थी आत्मसमर्पण की चेतावनी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ से पहले नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी गई थी। बावजूद इसके उन्होंने फायरिंग जारी रखी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की। पूरे अभियान का नेतृत्व सीआरपीएफ की एक विशेष टीम ने किया।