झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए को एक बड़ा झटका लगा है, जब आजसू पार्टी के उपाध्यक्ष उमाकांत रजक ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस कदम के पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
बोकारो: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए को एक बड़ा झटका लगा है, जब आजसू पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री उमाकांत रजक ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद, वे अपने समर्थकों के साथ रांची के लिए रवाना हो गए हैं, जहां माना जा रहा है कि वे झामुमो में शामिल होंगे। उमाकांत रजक के पार्टी छोड़ने और झामुमो में शामिल होने की चर्चा काफी दिनों से चल रही थी। हालांकि, उन्होंने इस संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं दी और कहा कि वे रांची में जाकर ही बात करेंगे। उन्होंने बताया कि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
यह संभावना जताई जा रही है कि झामुमो उमाकांत रजक को चंदनकियारी से चुनाव में उतार सकती है। हाल ही में पूर्व प्रत्याशी विजय रजवार अपने समर्थकों के साथ रांची गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने टिकट के मामले में कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया था। इस स्थिति के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि उमाकांत रजक पार्टी में शामिल होंगे।
उमाकांत रजक ने मजबूर होकर दिया इस्तीफा
उमाकांत रजक, जो बोकारो स्टील के कर्मचारी हैं, एक प्रमुख नेता रहे हैं और अलग झारखंड आंदोलन तथा मजदूरों के आंदोलनों के अगुवा भी रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2005 में पहली बार झामुमो छोड़कर चुनाव लड़ा था और 2009 में चंदनकियारी से विधायक बने। इसके बाद वे राज्य के श्रम मंत्री भी बने। हालांकि, 2014 और 2019 में उन्होंने फिर से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। अब जब वे आजसू पार्टी से इस्तीफा देकर झामुमो में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आगामी चुनाव में किस प्रकार की भूमिका निभाते हैं।