बिहार के नवादा जिले में कुछ दबंगों ने एक दलित बस्ती के घरों को आग के हवाले कर दिया। पहले उन्होंने फायरिंग की और फिर पेट्रोल छिड़क कर सभी घरों में आग लगा दी। गांव वालों का कहना है कि लगभग 80 घरों को जला दिया गया, जबकि पुलिस के अनुसार दबंगों ने 21 घरों में आग लगाई। आजतक की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर इस गांव के पीड़ितों से बातचीत की, जिन्होंने अपनी दुखद कहानी सुनाई।
Bihar: नवादा जिले में जमीन विवाद को लेकर दबंगों द्वारा दलित बस्ती में आग लगाने की घटना सामने आई है। गांव के लोगों का दावा है कि करीब 80 घर इस आग में जलकर खाक हो गए हैं। घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव का माहौल है।
स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस ने इस मामले में देरी से कार्रवाई की है। पुलिस ने मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि केवल 21 घर आग में जले हैं। इस घटना के बाद से दलित समुदाय में भारी आक्रोश है। स्थानीय लोग सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
कैसे हुआ हादसा ?
नवादा की कृष्णा नगर दलित बस्ती, जहां आग लगाई गई, की निवासी सुनीता ने बताया कि जब यह घटना हुई, तब वे रोटी बना रहे थे। उन्होंने आजतक को दिए बयान में कहा, "हमारा बच्चा हैंडपंप पर था। जब वे आए, तो उसने shouted किया कि 'पकड़ो-पकड़ो, लड़की जा रही है।' लड़की ने दुपट्टा छोड़ दिया और भाग गई। हमारे बच्चे ने जैसे-तैसे वहां से भागने की कोशिश की। उन्होंने हमारे अनाज, पानी, पैसे, आधार कार्ड, वोटर कार्ड—सब कुछ जला दिया। एक ही मोबाइल था, वो भी ले लिया। उन्होंने कहा कि जाओ, नहीं तो हम आपको भी जला देंगे।
इसके बाद हम अपनी जान के खतरे से भाग गए और जहां-तहां अपने बच्चों के साथ छिप गए। कोई भी हमारी मदद के लिए नहीं था।" गांव की एक अन्य महिला ने बताया कि वे चिल्लाते हुए आए और हमें कहा कि घर खाली कर दो। उन्होंने हमें घर से बाहर निकाल दिया और हमें कुछ भी निकालने की इजाजत नहीं दी। हमारा सब कुछ बर्बाद हो गया। अब हम कहां जाएंगे और कहां रहेंगे, यह सोचकर ही हम परेशान हैं।
पीड़ित का दर्दनाक बयान
गाँव के रहने वाले गौतम कुमार ने बताया कि हमलावरों ने गाँव में घुसते ही गोलियाँ बरसाना शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया, "करीब 100 लोग थे। हम यहीं पास में ही बैठे हुए थे। हमलावरों ने हम पर गोलीबारी की और उसके बाद जब भगदड़ मच गई तो उन्होंने पेट्रोल डालकर सभी घरों में आग लगा दी।
"गौतम कुमार ने बताया कि स्थिति बेहद भयावह थी। "हमने बच्चों को रोते हुए देखा, तो हमने 100 बच्चों को ले जाकर एक सुरक्षित जगह पर छिपाया। फिर प्रशासन को फोन किया गया। लेकिन उसके बाद भी हमलावरों ने फायरिंग जारी रखी और चले गए। एसपी साहब को फोन किया तो वो बोले हम रिजर्व फोर्स को भेज रहे हैं। पुलिस फोर्स यहां एक-डेढ़ घंटे बाद आई है." यह घटना बेहद भयावह है और लोगों में भारी दहशत फैल गई है।
हमलावरों ने न केवल घरों में आग लगाई बल्कि लोगों पर भी गोलीबारी की। 100 बच्चों को बचाकर छिपाया गया, जो इस घटना की गंभीरता का प्रमाण है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को सूचना देने के बाद भी पुलिस फोर्स देर से पहुँची, जिससे हमलावरों को फरार होने का मौका मिल गया। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
गोलियों के खोखे किए बरामद
गांव के निवासी गौतम कुमार ने जानकारी दी कि हमलावरों ने गांव में प्रवेश करते ही गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने बताया, "लगभग 100 लोग थे। हम यहाँ पास में ही बैठे थे। इसके बाद जब भगदड़ मची, तो उन्होंने पेट्रोल डालकर सभी घरों में आग लगा दी। हमने बच्चों को देखा और 100 बच्चों को लेकर छिपाया। फिर प्रशासन को फोन किया गया। लेकिन उसके बाद भी हमलावरों ने फायरिंग जारी रखी और वहाँ से चले गए। जब हमने एसपी साहब को फोन किया तो उन्होंने कहा कि हम रिजर्व फोर्स भेज रहे हैं। पुलिस फोर्स यहां एक से डेढ़ घंटे बाद आई।"
बहुजनों के खिलाफ अन्याय की भयावह तस्वीर- राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नवादा की घटना बिहार में बहुजनों के खिलाफ अन्याय की भयावह तस्वीर को उजागर करती है। उन्होंने 'X' प्लेटफार्म पर कहा, "भाजपा और NDA के सहयोगी दलों के नेतृत्व में ऐसे अराजक तत्वों को शरण मिलती है - जो भारत के बहुजनों को डराने और दबाने का काम करते हैं, ताकि वे अपने सामाजिक और संवैधानिक अधिकारों की मांग भी न कर सकें, और प्रधानमंत्री का मौन इस बड़े षड़यंत्र पर सहमति की मुहर है।"
राहुल गांधी ने आगे कहा कि बिहार सरकार और राज्य पुलिस को चाहिए कि वे इस शर्मनाक अपराध के सभी दोषियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई करें, ताकि पीड़ित परिवारों का पुनर्वास किया जा सके और उन्हें पूर्ण न्याय मिल सके।