Land For Job Case: लैंड फॉर जॉब मामला! लालू परिवार को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, अगली सुनवाई के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय

Land For Job Case: लैंड फॉर जॉब मामला! लालू परिवार को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, अगली सुनवाई के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय
Last Updated: 07 अक्टूबर 2024

राजद सुप्रीमो लालू यादव और उनके दो बेटों को लैंड फॉर जॉब मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई है। उन्हें एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।

Bihar News: नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव और उनके दोनों बेटों को कोर्ट से महत्वपूर्ण राहत मिली है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।

विशेष अदालत ने इस मामले में तेजस्वी यादव और अन्य को समन जारी किया था, और तेज प्रताप यादव की संलिप्तता को भी नजरअंदाज नहीं किया गया, क्योंकि वे भी एके इंफोसिस लिमिटेड के डायरेक्टर थे। अदालत ने उन्हें भी पेश होने का आदेश दिया है।

मामले में आठ आरोपियों की पेशी

जमीन के बदले नौकरी मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव सहित आठ आरोपियों की पेशी हुई। इस सूची में अन्य आरोपी जैसे अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह और किरण देवी भी शामिल हैं। पहले, ईडी ने इस मामले में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था, जिसके आधार पर कोर्ट ने आरोपियों को समन भेजा था।

लालू यादव और उनके परिवार पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन के रूप में अवैध लाभ अर्जित किया। यह मामला 2004 से 2009 के बीच के समय से जुड़ा है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि उस दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में ग्रुप-डी की नियुक्तियों के लिए जमीन का उपहार दिया गया या इसे सीधे तौर पर स्थानांतरित किया गया।

तेज प्रताप यादव की कोर्ट में पहली बार पेशी

तेज प्रताप यादव ने जमीन के बदले नौकरी मामले में पहली बार अदालत में पेशी दी। इस दौरान, अदालत ने कहा कि उसे ऐसा प्रतीत होता है कि तेज प्रताप यादव अधिग्रहण और अपराध की आय को छिपाने में शामिल थे। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि समन के चरण में आवश्यक जांच के मानकों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि तेज प्रताप की संलिप्तता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

क्या है पूरा मामला?

लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान, जब वह रेल मंत्री थे (2004 से 2009), नौकरी के बदले में अभ्यर्थियों से जमीन ली। इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है, जिसने 18 मई, 2022 को केस दर्ज किया।

सीबीआई ने पिछले साल 10 अक्टूबर को आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था। एजेंसी का कहना है कि साल 2007 में एक निजी कंपनी के नाम पर 10.83 लाख रुपये में एक भूमि पार्सल खरीदा गया था, जिसे बाद में जब्त कर लिया गया।

इस मामले में एक हार्ड डिस्क भी मिली थी, जिसमें उन कैंडिडेट्स की लिस्ट थी जिन्होंने नौकरी हासिल की थी। इस हार्ड डिस्क की खोज से हड़कंप मच गया, क्योंकि यह दस्तावेज सीबीआई की जांच में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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