हाल ही में जारी IQAir रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। इस लिस्ट में अफ्रीकी देश चाड पहले स्थान पर है, जबकि बांग्लादेश और पाकिस्तान क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर काबिज हैं।
नई दिल्ली: दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की सूची जारी की गई है, जिसमें भारत पांचवें स्थान पर है। यह जानकारी IQ एयर रिपोर्ट के जरिए सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के शहरों में से केवल 17% ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वायु प्रदूषण संबंधी दिशानिर्देशों को पूरा कर पा रहे हैं, जो प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता हैं।
इस सूची में चाड सबसे प्रदूषित देश के रूप में पहले स्थान पर है, जबकि बांग्लादेश दूसरे और पाकिस्तान तीसरे स्थान पर है। लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं, जिससे लोगों को श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों का अधिक खतरा हो रहा हैं।
भारत का सबसे प्रदूषित क्षेत्र – असम का बर्नीहाट
भारत में सबसे अधिक वायु प्रदूषण असम के बर्नीहाट में दर्ज किया गया, जहां वार्षिक PM2.5 स्तर 128.2 µg/m³ तक पहुंच गया। यह आंकड़ा WHO द्वारा तय 5 µg/m³ के मानक से कहीं अधिक है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि दुनिया के 9 सबसे प्रदूषित शहरों में से 6 भारत में स्थित हैं, जिससे देश में वायु गुणवत्ता को लेकर चिंता और बढ़ गई है।
दुनिया के सबसे प्रदूषित देश
१. चाड - (91.8 µg/m3) WHO PM2.5 वार्षिक गाइडलाइन से 18 गुना से अधिक
२. बांग्लादेश - (78.0 µg/m3) WHO PM2.5 वार्षिक गाइडलाइन से 15 गुना से अधिक
३. पाकिस्तान - (73.7 µg/m3) WHO PM2.5 वार्षिक गाइडलाइन से 14 गुना से अधिक
४. कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य - (58.2 µg/m3) WHO PM2.5 वार्षिक गाइडलाइन से 11 गुना से अधिक
५. भारत - (50.6 µg/m3) WHO PM2.5 वार्षिक गाइडलाइन से 10 गुना से अधिक
अमेरिका और अन्य देशों की स्थिति
रिपोर्ट में अमेरिका के लॉस एंजिल्स को देश का सबसे प्रदूषित प्रमुख शहर बताया गया, जबकि सिएटल को सबसे स्वच्छ शहरों में स्थान मिला। वहीं, कनाडा और यूरोप के अधिकांश शहरों में PM2.5 का स्तर अपेक्षाकृत कम पाया गया। दुनिया में सबसे कम वायु प्रदूषण ओशिनिया क्षेत्र (ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और आसपास के द्वीप) में पाया गया। यहां के 57% शहरों की वायु गुणवत्ता WHO के तय मानकों को पूरा करती है। इसके विपरीत, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में अभी भी प्रदूषण का स्तर अधिक बना हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत समेत अन्य प्रदूषित देशों को जल्द ही ठोस कदम उठाने की जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि क्लीन एनर्जी, वाहनों से निकलने वाले धुएं पर नियंत्रण, और हरित तकनीकों का उपयोग इस समस्या का समाधान कर सकता है। सरकारों को सख्त नीतियां अपनाकर प्रदूषण को कम करने की दिशा में गंभीर प्रयास करने होंगे।