Maharashtra Election 2024: 70,000 करोड़ के घोटाले का मुद्दा फिर उछला, अजित पवार ने आरोपों में शरद पवार को घसीटा

 Maharashtra Election 2024: 70,000 करोड़ के घोटाले का मुद्दा फिर उछला, अजित पवार ने आरोपों में शरद पवार को घसीटा
Last Updated: 2 घंटा पहले

चुनाव के समय नेताओं द्वारा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के घपलों-घोटालों की चर्चा करना आम बात है। लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने खुद उस 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले का जिक्र कर दिया है, जिसके आरोप अक्सर उन पर ही लगते रहे हैं।

Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उस 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले का मुद्दा उठाया है, जिसका आरोप हमेशा उनके ऊपर लगता रहा है। अब अजित पवार ने एक बयान में आर.आर. पाटिल का नाम लेते हुए अपने चाचा शरद पवार को निशाना बनाया है, जो इस समय उनके प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बन चुके हैं।

अजित पवार पर लगे घोटाले के आरोप

अजित पवार पर 70,000 करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले का आरोप लगभग डेढ़ दशक से लगाया जा रहा है। वे 1999 में पहली बार कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में सिंचाई मंत्री बने और लगातार 10 वर्षों तक इस पद पर बने रहे। उन पर सिंचाई घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप तब लगे, जब 2012 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि पिछले एक दशक में राज्य की सिंचाई क्षमता में केवल 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि विभिन्न परियोजनाओं पर 70,000 करोड़ रुपए खर्च किए गए। उस समय महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट किया कि 0.1 प्रतिशत की वृद्धि केवल कुएं की सिंचाई को ध्यान में रखते हुए बताई जा रही है, जबकि कुल मिलाकर सिंचाई सुविधाओं में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

2012 में जब यह घोटाला सामने आया, उस समय राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और गृहमंत्री आर.आर.पाटिल थे। मंगलवार को सिंचाई घोटाले का यह पुराना मामला फिर से उभर कर सामने आया, जब अजित पवार ने सांगली में अपनी पार्टी के उम्मीदवार संजय काका पाटिल की प्रचार सभा में कहा कि उक्त सिंचाई घोटाले की फाइल पर खुली जांच के आदेश तब के गृहमंत्री आर.आर. पाटिल ने देकर उनके साथ विश्वासघात किया था। अजित पवार ने यह बात सांगली में इसलिए उठाई, क्योंकि सांगली स्वर्गीय आर.आर.पाटिल का गृह जनपद है, और वे अजित पवार के चाचा शरद पवार के करीबी माने जाते थे।

चाचा शरद पवार पर हमला

वास्तव में, अजित पवार ने अपने वक्तव्य में आर.आर.पाटिल का नाम लेते हुए अपने चाचा शरद पवार पर निशाना साधा है, जो इस समय उनके प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बन चुके हैं। दिवंगत आर.आर.पाटिल पर निशाना लगाकर, अजित पवार यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके चाचा शरद पवार के इशारे पर 2012 में पाटिल ने उनके खिलाफ खुली जांच के आदेश दिए थे।

अजित पवार ने यह भी कहा कि इस मामले की जानकारी उन्हें स्वयं नहीं थी। लेकिन 2014 में भाजपा सरकार बनने के बाद, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें अपने घर बुलाकर उस फाइल पर आर.आर.पाटिल के हस्ताक्षर दिखाए। अजित पवार के इस आरोप की पुष्टि तत्कालीन मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण के बयान से भी हो रही है। चव्हाण ने कहा है कि उन्हें भी इस सिंचाई घोटाले की फाइल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, और ही उन्होंने कभी 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले का जिक्र किया है।

पीएम मोदी ने भी घोटाले का उल्लेख किया

यह बताया गया है कि सिंचाई घोटाले के मुद्दे को उठाकर अक्सर अजित पवार को घेरने की कोशिश की जाती है। लगभग सवा साल पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले का जिक्र करते हुए पवार परिवार पर निशाना साधा था। लेकिन उनके उस बयान के कुछ ही दिनों बाद, अजित पवार ने महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार का हिस्सा बन लिया था। अजित पवार का इस प्रकार भाजपा-नीत गठबंधन में शामिल होना भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं को भी पच नहीं रहा है। भाजपा- संघ के कार्यकर्ता आज भी अजित पवार को साथ लेने के लिए अपने नेतृत्व की आलोचना करते हुए नजर रहे हैं।

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