सूत्रों के अनुसार, ठाकरे सेना यह चाहती है कि सीट बंटवारे की बातचीत में नाना पटोले शामिल न हों, क्योंकि उद्धव ठाकरे उनके जिद्दी व्यवहार से बेहद नाराज़ हैं।
Mumbai: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे को लेकर मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, इसका एक प्रमुख कारण महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का कठोर रवैया है। जानकारी के अनुसार, ठाकरे सेना ने यह इच्छा जताई है कि सीट बंटवारे की वार्ता में नाना पटोले की उपस्थिति न हो, क्योंकि उद्धव ठाकरे उनके अड़ियल व्यवहार से काफी असंतुष्ट हैं। इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को भी सूचित किया गया है।
रमेश चेन्नीथला से उद्धव ठाकरे की मुलाक़ात
बता दें कि नाना पटोले महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, इसलिए सीट बंटवारे का निर्णय नाना पटोले की सहमति के बिना नहीं हो सकता। कांग्रेस हाईकमान की ओर से भी इसी तरह के निर्देश दिए गए हैं। आज कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला के साथ होने वाली बैठक में ठाकरे सेना विवादास्पद सीटों के मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करेगी।
उद्धव ठाकरे ने दी चेतावनी
महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के बीच, उद्धव ठाकरे ने चेतावनी दी है कि सहयोगियों के बीच सौदेबाजी को बातचीत के टूटने के कगार तक नहीं पहुंचने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का राजनीतिक परिदृश्य बदल चुका है और लोगों ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षी एमवीए को सत्ता में लाने का निर्णय लिया है। एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।
सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में
पूर्व मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एमवीए दलों के बीच चल रही सीट बंटवारे की बातचीत के लंबे खिंचाव को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “सहयोगियों के बीच सौदेबाजी को ऐसा नहीं होने देना चाहिए कि बातचीत टूटने के कगार पर पहुंच जाए।” शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने बताया कि उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से यह नहीं सुना कि समझौता करने में कोई बड़ी समस्या आ रही है।
ठाकरे ने कहा कि एमवीए सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे की बातचीत अंतिम चरण में है और शनिवार तक या अगले 2 से 3 दिनों में समझौता होने की उम्मीद है। ठाकरे की यह टिप्पणी उनके पार्टी सहयोगी संजय राउत द्वारा सीट बंटवारे की बातचीत में देरी पर निराशा जाहिर करने के बाद आई है। राउत ने यह भी दावा किया है कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता निर्णय लेने में असमर्थ हैं।