पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ होगा। कांग्रेस ने उनके लिए स्मारक स्थल की मांग की, जबकि केंद्र ने भूमि आवंटन और ट्रस्ट गठन का आश्वासन दिया।
Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से पूरा देश शोक में डूब गया है। शुक्रवार को देशभर के राजनीतिक दलों, नागरिकों और वैश्विक नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख हस्तियों ने उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि दी।
अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर होगा
डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को सुबह 11:45 बजे दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पाया क्योंकि उनकी बेटियां अमेरिका में थीं और उनके आने का इंतजार किया जा रहा था।
समाधि स्थल को लेकर विवाद
डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार और समाधि स्थल को लेकर विवाद भी सामने आया है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से यमुना किनारे उस स्थान पर डॉ. सिंह का समाधि स्थल बनाने का अनुरोध किया था जहां अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मृति स्थल हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस मुद्दे पर बातचीत की।
केंद्र सरकार का जवाब
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कहा कि समाधि स्थल बनाने के लिए उपयुक्त भूमि का चुनाव और ट्रस्ट का गठन समय लेगा। तब तक निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया जाना उचित होगा। खरगे ने इस पर सहमति जताई, लेकिन कांग्रेस की ओर से विवाद को बढ़ावा दिया गया।
गृह मंत्रालय ने देर रात एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि सरकार समाधि स्थल के लिए भूमि आवंटित करेगी और एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा।
कांग्रेस का सुझाव
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सुझाव दिया कि भूमि की अनुपलब्धता की स्थिति में इंदिरा गांधी के समाधि स्थल ‘शक्ति स्थल’ से कुछ भूमि लेकर डॉ. सिंह के लिए उपयोग की जा सकती है। परिवार की ओर से भी यही अनुरोध किया गया कि अंतिम संस्कार और स्मृति स्थल एक ही स्थान पर हो।
डॉ. सिंह के योगदान को किया याद
डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी आर्थिक नीतियों और राष्ट्रीय विकास में योगदान के लिए याद किया जा रहा है। उनके निधन पर आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में उन्हें ‘विलक्षण राजनेता’ और ‘प्रख्यात अर्थशास्त्री’ बताया गया। सरकार ने उनके सम्मान में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
अंतिम यात्रा का कार्यक्रम
डॉ. सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह 8 बजे उनके आवास से कांग्रेस मुख्यालय ले जाया जाएगा। वहां उनके पार्थिव शरीर को पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। करीब 9:30 बजे उनकी अंतिम यात्रा शुरू होगी और 11:45 बजे निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल और कांग्रेस की चिंता
यह ध्यान देने योग्य है कि डॉ. सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने 2013 में नई समाधि बनाने पर रोक लगाई थी। इसके स्थान पर ‘राष्ट्रीय स्मृति स्थल’ का प्रावधान किया गया था। कांग्रेस अब इस मुद्दे पर संवेदनशील है, क्योंकि पार्टी पर अपने शीर्ष नेताओं के योगदान की अनदेखी करने का आरोप पहले भी लगा है।
विभिन्न नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि देने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन जैसे प्रमुख नेता शामिल रहे। दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उनके अंतिम दर्शन किए।
कांग्रेस ने जताई नाराजगी
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि डॉ. सिंह के वैश्विक कद और योगदानों के अनुरूप स्थान न देकर उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने इसे ‘देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान’ बताया।
डॉ. मनमोहन सिंह की विदाई भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को हमेशा याद दिलाती रहेगी। उनका जीवन सादगी, कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण का प्रतीक था। देश उनके अद्वितीय योगदानों को हमेशा याद रखेगा।