पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक के निर्माण के लिए सरकार ने जमीन चिह्नित की है और परिवार से ट्रस्ट बनाने का इंतजार कर रही है, जिसके बाद भूमि आवंटित की जाएगी।
Manmohan Singh Memorial: केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के निर्माण के लिए दिल्ली के राजघाट परिसर में उनके परिवार को जमीन देने की पेशकश की है। दिसंबर 2023 में पूर्व पीएम के निधन के बाद सरकार ने इस स्मारक का एलान किया था, और अब इसे वास्तविकता बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं।
राजघाट परिसर में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्मारक के पास दी गई जगह
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह भूमि पूर्व कांग्रेस नेता और भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्मारक के पास स्थित है। सरकार द्वारा दी गई इस जगह को लेकर शर्त रखी गई है कि पहले परिवार को एक ट्रस्ट बनाना होगा, जिसके बाद ही भूमि का आवंटन किया जाएगा।
सरकार द्वारा ट्रस्ट को 25 लाख रुपये की सहायता
सरकार ने इस योजना के तहत ट्रस्ट को स्मारक के निर्माण के लिए 25 लाख रुपये देने का भी प्रस्ताव किया है। इसके अलावा, सरकार ट्रस्ट के गठन का इंतजार कर रही है, ताकि भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
मनमोहन सिंह की भूमिका
मनमोहन सिंह को भारत के आर्थिक उदारीकरण का जनक माना जाता है। उन्होंने 1991 में वित्त मंत्री के रूप में भारत में अभूतपूर्व आर्थिक सुधार किए थे, जिसने देश की अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर खोला। वे 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे, और उनके कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण नीतियाँ लागू हुईं।
कांग्रेस और भाजपा के बीच विवाद
मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाए थे कि वह पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान नहीं ढूंढ पा रही है। भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस को याद दिलाया कि उसने कभी पीवी नरसिम्हा राव के लिए स्मारक नहीं बनवाया। इस विवाद के बीच, सरकार ने पिछले महीने प्रणब मुखर्जी के स्मारक के लिए भूमि आवंटित की थी।
'राष्ट्रीय समिति' परिसर में भूमि चिह्नित करने की प्रक्रिया
केंद्र सरकार ने दिल्ली के राजघाट परिसर में स्थित 'राष्ट्रीय समिति' परिसर में मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए एक भूखंड चिह्नित किया है। यह जानकारी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ऑनलाइन पोस्ट के माध्यम से दी।
शर्मिष्ठा मुखर्जी का प्रधानमंत्री को धन्यवाद
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने उनके पिता के लिए स्मारक बनाने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय अप्रत्याशित था और इसके लिए वह प्रधानमंत्री के प्रति आभारी हैं।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने कभी भी उनके पिता के लिए शोक सभा तक नहीं आयोजित की थी। उन्होंने कांग्रेस से यह भी सवाल किया कि मनमोहन सिंह के स्मारक के बारे में उनकी प्रतिबद्धता कहां थी।