महाराष्ट्र विधान परिषद उपचुनाव के लिए बीजेपी ने घोषित किए तीन प्रत्याशी, 27 मार्च को होगी वोटिंग

महाराष्ट्र विधान परिषद उपचुनाव के लिए बीजेपी ने घोषित किए तीन प्रत्याशी, 27 मार्च को होगी वोटिंग
अंतिम अपडेट: 5 घंटा पहले

महाराष्ट्र विधान परिषद की पांच रिक्त सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। महायुति गठबंधन के तहत बीजेपी को पांच में से तीन सीटें मिली हैं, जबकि एक-एक सीट शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) को दी गई हैं। 

मुंबई: महाराष्ट्र विधान परिषद उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने महायुति कोटे के तहत अपने तीन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा रविवार को की। पार्टी ने संदीप दिवाकर राव जोशी, संजय किशन राव केनेकर और दादा राव यादव राव केचे को प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह ने इसकी जानकारी दी और बताया कि केंद्रीय चुनाव समिति ने इन तीनों नामों पर अपनी सहमति दे दी हैं।

तीन उम्मीदवारों के नाम घोषित

संदीप दिवाकर राव जोशी – नागपुर से आने वाले संदीप जोशी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं।
संजय किशनराव केनेकर – महासचिव पद पर प्रभावी कार्य कर चुके केनेकर छत्रपति संभाजीनगर से आते हैं।
दादाराव यादव राव केचे – विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित रहे दादाराव केचे को अब विधान परिषद भेजने का फैसला किया गया हैं।

शिवसेना-एनसीपी के प्रत्याशियों को लेकर सस्पेंस

महायुति के तहत एक-एक सीट शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) के पास गई है। हालांकि, इन दोनों दलों ने अभी अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की है, जिससे सियासी हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र विधान परिषद उपचुनाव के लिए वोटिंग 27 मार्च 2025 को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। इसके तुरंत बाद शाम 5 बजे से मतगणना शुरू होगी और विजयी उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएंगे। 29 मार्च तक उपचुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

किन कारणों से खाली हुई सीटें?

विधान परिषद की ये पांच सीटें अमाशा पडवी, प्रवीण दटके, राजेश विटेकर, रमेश कराड और गोपीचंद पडलकर के विधानसभा चुनाव जीतने के कारण खाली हुई थीं। अब इन सीटों को भरने के लिए उपचुनाव कराया जा रहा है। महाराष्ट्र विधान परिषद में कुल 78 सदस्य होते हैं, जिनमें से 66 का चुनाव किया जाता है और 12 को राज्यपाल द्वारा मनोनीत किया जाता है। उपचुनाव के नतीजों से सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति और विपक्षी महाविकास आघाड़ी के बीच शक्ति संतुलन पर भी असर पड़ सकता हैं।

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