इंदौर में एक मामूली विवाद ने वकीलों और पुलिस के बीच बड़ा टकराव खड़ा कर दिया। इस घटना के बाद शहर में हाई कोर्ट के सामने वकीलों ने जमकर प्रदर्शन किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मामला एक सड़क पर हुई कहासुनी से शुरू हुआ, जो बाद में पुलिस कार्रवाई और विरोध प्रदर्शन तक पहुंच गया।
मध्यप्रदेश: इंदौर में मछली व्यवसायी राजू उर्फ कालू गौड़ सुबह 10:30 बजे स्कूटर से डमरू उस्ताद चौराहे से सफेद मंदिर की ओर जा रहा था। रास्ते में कुछ बच्चों ने उस पर रंग फेंका, जिससे कालू ने गाड़ी रोककर उन्हें समझाने की कोशिश की। इसी दौरान वकील अरविंद जैन वहां पहुंचे, तो कालू ने उनसे कहा कि बच्चों को समझा लें, ताकि कोई दुर्घटना न हो और गाड़ी से गिरने जैसी अप्रिय घटना न घटे।
इस घटना के बाद शहर में हाई कोर्ट के सामने वकीलों ने जमकर प्रदर्शन किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मामला एक सड़क पर हुई कहासुनी से शुरू हुआ, जो बाद में पुलिस कार्रवाई और विरोध प्रदर्शन तक पहुंच गया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
घटना तब हुई जब मछली व्यवसायी राजू उर्फ कालू गौड़ अपने स्कूटर से सफेद मंदिर की ओर जा रहे थे। रास्ते में होली खेल रहे बच्चों ने उन पर रंग फेंक दिया, जिससे उन्होंने गाड़ी रोककर बच्चों को समझाने की कोशिश की। इसी दौरान वकील अरविंद जैन वहां पहुंचे, और दोनों के बीच कहासुनी हो गई। आरोप है कि इस बहस ने हिंसक रूप ले लिया, और वकील अरविंद जैन ने अपने बेटों अपूर्व और अर्पित को भी बुला लिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई। जब कालू गौड़ ने पुलिस को सूचना दी, तो मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों से भी वकीलों की बहस हो गई।
पुलिस ने दर्ज की FIR, वकीलों का विरोध प्रदर्शन
सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने वकील अरविंद जैन, अपूर्व जैन और अर्पित जैन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इस कार्रवाई के विरोध में वकीलों ने हाई कोर्ट के सामने प्रदर्शन किया और परदेशीपुरा थाने का घेराव किया। वकीलों का आरोप था कि पुलिस ने बिना पूरी जांच के उनके खिलाफ FIR दर्ज की और उनके साथ बदसलूकी की। वहीं, वकीलों ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
वकीलों का दावा - पुलिस से मिलीभगत का आरोप
अरविंद जैन ने पुलिस पर आरोप लगाया कि व्यवसायी कालू गौड़ की पुलिस से मिलीभगत है और उसकी दुकान पर पुलिसवालों का आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने अधूरी सीसीटीवी फुटेज दिखाकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। वहीं, वकीलों ने मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की।
हाई कोर्ट के सामने प्रदर्शन के दौरान पुलिस और वकीलों के बीच फिर से झड़प हो गई। आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान टीआई जितेंद्र यादव को घेरकर उन पर हमला किया गया। हालांकि, मेडिकल जांच में उनके शराब के नशे में होने की पुष्टि नहीं हुई। टीआई ने इस घटना को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, और पुलिस अब वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही हैं।
स्थिति अभी भी तनावपूर्ण
फिलहाल, पुलिस और वकीलों के बीच का यह टकराव शांत होता नहीं दिख रहा है। वकीलों ने पुलिस पर निष्पक्ष जांच की मांग की है, जबकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी। इस घटना के बाद इंदौर में कानून व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। पुलिस और वकीलों के बीच बढ़ते टकराव ने प्रशासन को भी चिंतित कर दिया है, और मामले को जल्द सुलझाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।