डिप्टी सीएम अजित पवार को आयकर विभाग से बड़ी राहत मिली है। विभाग ने 2021 में जब्त की गई 1000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां अब वापस करने का निर्णय लिया है।
Ajit Pawar big relief: महाराष्ट्र में महायुति सरकार बनते ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग ने 2021 में जब्त की गई 1000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को वापस करने का फैसला लिया है। यह फैसला बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा उन पर और उनके परिवार पर बेनामी संपत्ति के स्वामित्व के आरोपों को खारिज करने के बाद लिया गया।
शपथ लेने के एक दिन बाद मिली राहत
यह राहत पवार के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के अगले दिन मिली है। शपथ ग्रहण समारोह में देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
2021 में हुई छापेमारी और आरोप
आयकर विभाग ने 7 अक्टूबर 2021 को एनसीपी नेता अजित पवार और उनके परिवार से जुड़े कई ठिकानों पर छापे मारे थे। उन पर बेनामी संपत्ति रखने का आरोप था, जिसके तहत सतारा में एक चीनी मिल, दिल्ली में एक फ्लैट और गोवा में एक रिसॉर्ट सहित कई संपत्तियां जब्त की गई थीं। हालांकि, जांच में यह सामने आया कि ये संपत्तियां अजित पवार के नाम पर पंजीकृत नहीं थीं।
न्यायाधिकरण ने खारिज किए आरोप
न्यायाधिकरण ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में आरोपों को खारिज कर दिया। न्यायाधिकरण ने कहा कि पवार परिवार द्वारा संपत्तियां हासिल करने के लिए वैध वित्तीय मार्गों का उपयोग किया गया और आयकर विभाग बेनामी संपत्तियों और पवार परिवार के बीच कोई संबंध स्थापित नहीं कर सका।
पवार परिवार की सफाई
अजित पवार और उनके परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि आरोपों का कोई कानूनी आधार नहीं है और परिवार ने कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन संपत्तियों को प्राप्त करने के लिए सभी लेन-देन बैंकिंग प्रणाली सहित वैध चैनलों के माध्यम से किए गए थे और रिकॉर्ड में कोई अनियमितता नहीं है।