Pawan Kalyan: हिंदी भाषा पर नहीं थम रहा विवाद, पवन कल्याण के बयान पर प्रकाश राज ने किया पलटवार

Pawan Kalyan: हिंदी भाषा पर नहीं थम रहा विवाद, पवन कल्याण के बयान पर प्रकाश राज ने किया पलटवार
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण (Pawan Kalyan) ने हाल ही में नई शिक्षा नीति के तहत तीन-भाषा फार्मूले को लेकर एक बयान दिया था। अपने बयान में उन्होंने तमिलनाडु पर पाखंड करने का आरोप लगाया। अब उनके इस बयान पर प्रकाश राज (Prakash Raj) की प्रतिक्रिया सामने आई है, जो तेजी से वायरल हो रही है।

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण (Pawan Kalyan) के हिंदी भाषा को लेकर दिए गए बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने तमिलनाडु पर पाखंड करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वहां हिंदी को अपनाने का विरोध किया जाता है, लेकिन हिंदी में तमिल फिल्में डब कर कमाई की जाती है। इस बयान पर अब अभिनेता प्रकाश राज (Prakash Raj) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे मातृभाषा को बचाने की लड़ाई करार दिया है और पवन कल्याण पर तंज कसा है। इस पूरे विवाद से अब राजनीति भी गर्मा गई है।

कहां से शुरू हुआ यह विवाद?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब पवन कल्याण ने अपनी पार्टी जनसेना के स्थापना दिवस कार्यक्रम में हिंदी भाषा पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत को तमिल समेत अन्य भाषाओं की जरूरत है, लेकिन कुछ लोग पाखंड कर रहे हैं। तमिलनाडु का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां हिंदी को अपनाने का विरोध किया जाता है, जबकि कमाई के लिए तमिल फिल्मों को हिंदी में डब किया जाता है। उन्होंने सवाल किया कि तमिलनाडु बॉलीवुड से पैसा तो चाहता है, लेकिन हिंदी भाषा को अपनाने से इनकार करता है।

प्रकाश राज ने दिया करारा जवाब

पवन कल्याण के इस बयान के बाद डीएमके ने कड़ी आपत्ति जताई, वहीं अभिनेता प्रकाश राज ने भी पलटवार किया। प्रकाश राज ने कहा कि यह बहस किसी भाषा से नफरत करने के लिए नहीं बल्कि अपनी मातृभाषा को बचाने के लिए हो रही है। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में पवन कल्याण के पुराने बयान को शेयर करते हुए लिखा, "चुनाव जीतने से पहले ये जनसेना थी, जीतने के बाद ये भजन सेना हो गई।" उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस और तेज हो गई है।

तमिलनाडु और केंद्र के बीच भाषा विवाद

यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब पहले से ही नई शिक्षा नीति के तहत तीन-भाषा फार्मूले को लेकर तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच मतभेद चल रहे हैं। तमिलनाडु लंबे समय से इस नीति का विरोध करता आ रहा है, क्योंकि उसका मानना है कि हिंदी थोपने की कोशिश हो रही है। वहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि इस नीति से युवाओं को देशभर में रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।

विवाद बढ़ने के आसार

पवन कल्याण के बयान और प्रकाश राज की प्रतिक्रिया के बाद इस विवाद के और बढ़ने के आसार हैं। तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर पहले भी कई बार विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बहस आगे क्या मोड़ लेती है और इसके राजनीतिक प्रभाव क्या पड़ते हैं।

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