प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा सरकार द्वारा आयोजित मेक इन ओडिशा सम्मेलन का उद्घाटन भुवनेश्वर के जनता मैदान में किया। इस मौके पर उन्होंने उत्कर्ष ओडिशा 2025 का भी उद्घाटन किया, जो राज्य के समग्र विकास और निवेश आकर्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भुवनेश्वर के जनता मैदान में आयोजित दो दिवसीय 'मेक इन ओडिशा' सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने 'उत्कर्ष ओडिशा 2025' का भी उद्घाटन किया, जो राज्य के समग्र विकास और निवेश को आकर्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। प्रधानमंत्री मोदी ने 'उत्कर्ष ओडिशा 2025' में लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया, जिसमें राज्य में विभिन्न उद्योगों के विकास और निवेश संभावनाओं को प्रदर्शित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा दौरे पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के विकास और सांस्कृतिक विरासत को लेकर सकारात्मक टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि ओडिशा भारत को समझने के लिए एक बेहतरीन स्थल है, क्योंकि यहां विभिन्न पहलुओं का समागम देखने को मिलता है— चाहे वह इतिहास, संस्कृति, या प्राकृतिक सुंदरता हो। उन्होंने ओडिशा को विकास विरासत का अद्भुत मॉडल करार देते हुए यह कहा कि राज्य में मौजूद संसाधन और संस्कृति विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने जी-20 के कल्चर इवेंट्स को ओडिशा में आयोजित करने का उल्लेख करते हुए कहा कि ओडिशा ने इसके जरिए अपनी संस्कृति और विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। विशेष रूप से कोणार्क सूर्य मंदिर के चक्र को जी-20 के मुख्य इवेंट का हिस्सा बनाना एक महत्वपूर्ण कदम था, जिससे ओडिशा की सांस्कृतिक पहचान को और भी मजबूत किया गया।
उन्होंने कहा कि 'उत्कर्ष ओडिशा' जैसे आयोजनों के माध्यम से ओडिशा के पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ओडिशा की प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति इस उद्देश्य को साकार करने के लिए एक बेहतरीन आधार प्रदान करती है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने कान्फ्रेंस टूरिज्म के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया, खासकर दिल्ली के भारत मंडपम जैसे सेंटर के उदाहरण के जरिए, और भुवनेश्वर में कन्वेंशन सेंटर की आवश्यकता की बात की।
पीएम मोदी ने उद्योगपतियों को दी गारंटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के विकास को लेकर जो दृष्टिकोण साझा किया, वह बहुत प्रेरणादायक था। उन्होंने पूर्वी भारत को देश के विकास का ग्रोथ इंजन करार दिया और कहा कि ओडिशा की इसमें बड़ी भूमिका है। उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भ में यह बताया कि जब भारत वैश्विक विकास में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा था, तब पूर्वी भारत और खासकर ओडिशा का योगदान बहुत अहम था। ओडिशा, जो साउथ ईस्ट एशिया का प्रमुख ट्रेड सेंटर था, आज भी अपनी प्राचीन पोर्ट्स और व्यापारिक केंद्रों से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से बाली यात्रा का उल्लेख किया, जो ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति का भी जिक्र किया, जिन्होंने यह कहा था कि शायद उनके डीएनए में ओडिशा है, जो इस राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता हैं।
प्रधानमंत्री ने निवेशकों को यह आश्वस्त किया कि ओडिशा की विकास यात्रा में निवेश करना उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि आज भारत विकास के नए पथ पर चल रहा है, और इसमें कान्ट्रिब्यूट करने के लिए क़ोरोड़ों लोगों की आकांक्षाएं (aspirations) प्रेरणा दे रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का युग है, लेकिन भारत की आकांक्षाओं (aspirations of India) का महत्व कहीं अधिक हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने दूसरे ओडिशा दौरे के दौरान उत्कर्ष ओडिशा कान्क्लेव को एक ऐतिहासिक बिजनेस समिट बताया, जिसमें पिछले आयोजनों के मुकाबले पांच-छह गुना अधिक निवेशक शामिल हो रहे थे। उन्होंने ओडिशा के लोगों और सरकार को इस शानदार आयोजन के लिए बधाई दी। इस अवसर पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा उनका स्वागत किया गया।