Punjab Crime News: खालिस्तान समर्थक व सांसद अमृतपाल सिंह का भाई ड्रग्स के साथ गिरफ्तार, जालंधर पुलिस ने दो अन्य साथियों को भी पकड़ा, पढ़ें पूरी खबर

Punjab Crime News: खालिस्तान समर्थक व सांसद अमृतपाल सिंह का भाई ड्रग्स के साथ गिरफ्तार, जालंधर पुलिस ने दो अन्य साथियों को भी पकड़ा, पढ़ें पूरी खबर
Last Updated: 12 जुलाई 2024

खडूर साहिब से सांसद बने अमृतपाल सिंह के भाई हरप्रीत सिंह और उसके दो साथियों को जालंधर पुलिस ने ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया है। बता दें फिल्लौर हाईवे पर नाकाबंदी के दौरान तीनो आरोपितों को काबू किया गया। पुलिस ने आरोपी के पास से 4 ग्राम आइस बरामद की हैं।

जालंधर: पंजाब के जालंधर जिला की फिल्लौर में खालिस्तान समर्थक खड़ूर साहब से सांसद बने अमृतपाल सिंह के भाई हरप्रीत सिंह और उसके दो साथियों को शुक्रवार (१२ जुलाई) को पुलिस ने ड्रग्स के साथ गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) अंकुर कुमार गुप्ता और डीएसपी (डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस) सर्वणजीत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि हरप्रीत सिंह के पास से 4 ग्राम ड्रग्स भी बरामद किया गया है। जिस वक्त तीनो को गिरफ्तार किया गया वह पूरी तरह से नशे में धुत थे. जालंधर पुलिस ने फिल्लौर हाईवे पर नाकाबंदी करके तीनों को दबोचा था। पुलिस ने कहां कि तीनों को दोपहर बाद अदालत में पेश किया जाएगा।

पुलिस ने आरोपियों की कराई वीडियोग्राफी

जालंधर पुलिस ने ड्रग्स मामले में पकडे गए बदमाशों की बयान और जांच करते हुए वीडियोग्राफी भी कराई है। बता दें कि पुलिस ने फिल्लौर हाईवे पर नाकाबंदी करके तीनो बदमाशों को काबू किया था। डीएसपी सर्वणजीत कुमार सिंह ने बताया कि आरोपित के पास ड्रग्स कहां से आई इस बारे में पता लगाने के लिए तहकीकात की जा रही है। पुलिस ने बताया कि हरप्रीत और उसके साथियों का मेडिकल करवाया गया है, जिसमे पुष्टि हुई की तीनो नशें में धुत थे। उसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर तीनों को हवालात में डाल दिया।

अमृतपाल को शपथ के लिए मिली थी पैरोल

असम की डिब्रुगढ़ जेल में पिछली साल से बंद खडूर साहिब सीट से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह को बतौर सांसद के रूप में शपथ दिलाने के लिए हाईकोर्ट द्वारा चार दिनों की पैरोल मंजूरी की गई थी। बता दें की हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब सीट से एक लाख से भी अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। लेकिन जेल में बंद होने के कारण उन्हें सभी सांसदों के साथ शपथ नहीं दिलाई गई।

 

 

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