कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर मामले में सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से 15 दिनों तक पूछताछ की। उन्होंने कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर कांड से जुड़े कुछ ऐसे रहस्यों का खुलासा किया है, जो इस मामले को एक नया मोड़ दे सकते हैं।
बंगाल: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर की मृत्यु के लगभग 20 दिन हो चुके हैं, लेकिन सीबीआई अब तक सच्चाई के करीब नहीं पहुँच पाई है। आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष से 15 दिनों तक सीबीआई ने पूछताछ की। झूठ पकड़ने वाली मशीन का उपयोग करके उनकी हर एक बात की सच्चाई की जांच की गई। इस प्रक्रिया के दौरान संदीप घोष ने कुछ ऐसे खुलासे किए, जो इस मामले को एक नया मोड़ दे सकते हैं।
संदीप घोष बातों से गुमराह कर रहे हैं - सीबीआई
कोलकाता कांड की जांच से जुड़े सूत्रों ने मीडिया को जानकारी दी है कि डॉ. संदीप घोष अस्पताल के अधिकारियों पर सभी आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'घटना के रात अस्पताल के अधिकारियों ने महिला डॉक्टर के माता-पिता को गुमराह किया। जहाँ पर ये घटना हुई, उसके बारे में मुझे भी 50 मिनट बाद बताया गया। घटना स्थल पर 40 मिनट तक कोई नहीं पहुंचा।'
सीबीआई के अधिकारियों ने संदीप घोष के उत्तरों का विश्लेषण करने के बाद पाया कि वे अभी भी गलत जानकारी दे रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि उस समय के प्रिंसिपल संदीप घोष को प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत के बारे में तुरंत जानकारी क्यों नहीं दी गई? शव मिलने के बाद 50 मिनट तक वहां मौजूद लोग क्या करते रहे? उन्हें सूचित करने से पहले प्रशिक्षु डॉक्टर के माता-पिता को जानकारी दे दी गई और आत्महत्या की बात कही गई।
संदीप घोष ने पूछताछ में क्या-क्या बताया?
1. घोष ने सीबीआई को बताया कि उन्हें 9 अगस्त को सुबह 10:20 बजे अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की मौत के बारे में सूचना मिली। जबकि शव सुबह 9:30 बजे मिला था। पुलिस को सुबह 10:10 बजे मामले की जानकारी दी गई, यानी शव मिलने के कम से कम 40 मिनट बाद पुलिस को सुचना मिली थी।
2. रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर सुमित रॉय तापदार ने सुबह 10 बजे फोन किया, यानी शव मिलने के 30 मिनट बाद। लेकिन वे वॉशरूम में होने के कारण कॉल रिसीव नहीं कर पाए थे।
3. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य ने सीबीआई को बताया कि उन्होंने सुबह 10:20 बजे तापदार को फोन किया, तब उन्हें पहली बार अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की मौत के बारे में जानकारी मिली।
4. संदीप घोष ने दावा किया कि जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली, वे तुरंत आरजी कर अस्पताल की ओर दौड़े। रास्ते में ही उन्होंने ताला पुलिस थाने के इंचार्ज को फोन किया, जिन्होंने बताया कि पुलिस मौके पर हैं।
5. सूत्रों के अनुसार, संदीप घोष ने सीबीआई को यह भी बताया कि उन्होंने रास्ते में तब के चिकित्सा अधीक्षक और चेस्ट मेडिसिन विभाग के प्रमुख को भी फोन किया। वे सुबह 11 बजे अस्पताल पहुंचे।