Shambhu Border: कब तक बंद रहेगा शंभू बॉर्डर? सुप्रीम कोर्ट में 22 अगस्त को होगी सुनवाई, जानिए कब से बंद है बॉर्डर और किसानों की क्या हैं मांग?

Shambhu Border: कब तक बंद रहेगा शंभू बॉर्डर? सुप्रीम कोर्ट में 22 अगस्त को होगी सुनवाई, जानिए कब से बंद है बॉर्डर और किसानों की क्या हैं मांग?
Last Updated: 21 अगस्त 2024

सुप्रीम कोर्ट 22 अगस्त को शंभू बॉर्डर को खोलने के मुद्दे पर महत्वपूर्ण सुनवाई करने वाला है। बता दें शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।

नई दिल्ली: पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर को खोलने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में 22 अगस्त को सुनवाई होने वाली है। शीर्ष न्यायालय किसानों के साथ बातचीत के लिए वार्ताकारों के पैनल के नाम भी निर्धारित कर सकता है। इससे पहले 12 अगस्त को जब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी, तब अदालत ने कहा था कि अंबाला और पटियाला के एसएसपी को एक बैठक आयोजित कर चर्चा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आवश्यकताओं के अनुसार रास्ते खोले जा सकें।

बता दें शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी 2024 से डेरा डाले हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली की ओर मार्च करने की योजना बनाई थी। किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए हरियाणा सरकार ने उन्हें रोकने के लिए अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं। पुलिस ने किसानों को शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया है। पिछले लगभग सात महीनों से अन्नदाता वहीं डटे हुए हैं।

किस लिए प्रदर्शन कर रहे है किसान?

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में किसानों ने दिल्ली की ओर कूच करने की घोषणा की थी। इसके बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगाए थे। किसानों की प्रमुख मांग एमएसपी से संबंधित है। एमएसपी वह मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से कृषि उत्पादों की खरीद करती है। देश में कुल 22 फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित किया गया है, जिसमें मुख्यत: धान, दाल और तिलहन शामिल हैं। इसके अलावा किसानों की कुछ अन्य मांगें भी हैं, जो निम्नलिखित हैं।

1. सरकार किसानों और मजदूरों के कर्ज माफ करने की दिशा में कदम उठाए।

2. सरकार को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को प्रभावी रूप से लागू करना चाहिए।

3. लखीमपुर में हुई हिंसा के आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जानी चाहिए।

4. भारत को विश्व व्यापार संगठन (WTO) से बाहर निकलने पर विचार करना चाहिए।

5. सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगनी चाहिए।

6. किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन योजना शुरू की जानी चाहिए।

7. दिल्ली में किसान प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों को पेंशन प्रदान की जानी चाहिए।

 

 

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