होली के बाद बांके बिहारी मंदिर के दर्शन समय में बदलाव होगा। 16 मार्च से कपाट सुबह 7:45 बजे खुलेंगे और रात 9:30 बजे बंद होंगे। भोग में शीतल पदार्थ बढ़ाए जाएंगे।
Thakur Banke Bihari Holi: होली के बाद ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन और भोगराग सेवा में बदलाव किया जाएगा। 16 मार्च से मंदिर में ग्रीष्मकालीन सेवा की शुरुआत होगी, जिसमें ठाकुर जी को हल्के वस्त्र धारण कराए जाएंगे और भोग में शीतल पदार्थों की मात्रा बढ़ा दी जाएगी। इसके अलावा, मंदिर के कपाट खुलने और बंद होने के समय में भी परिवर्तन किया जाएगा।
16 मार्च से बदल जाएगा मंदिर खुलने और बंद होने का समय
मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा के अनुसार, चैत्र कृष्ण पक्ष की द्वितीया 16 मार्च से मंदिर के पट सुबह 7:45 बजे खुलेंगे और दोपहर 12 बजे बंद होंगे। इससे पहले मंदिर सुबह 8:45 बजे खुलता था। वहीं, शाम को दर्शन के लिए मंदिर के पट 5:30 बजे खुलेंगे और रात 9:30 बजे शयनभोग आरती के बाद बंद कर दिए जाएंगे। पहले मंदिर के पट शाम 4:30 बजे खुलकर रात 8:30 बजे बंद होते थे।
ग्रीष्मकालीन सेवा के अनुसार होगा भोगराग में बदलाव
होली के बाद ठाकुर जी की ग्रीष्मकालीन सेवा शुरू होगी, जिसके तहत गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए उनकी पोशाक और भोग में परिवर्तन किया जाएगा। इस दौरान ठाकुर जी को हल्के कपड़े पहनाए जाएंगे और भोग में गरिष्ठ भोजन की बजाय शीतल और हल्के पदार्थों को शामिल किया जाएगा। यह व्यवस्था दीपावली तक जारी रहेगी।
वृंदावन में विधवा माताओं ने खेली रंगों से होली
होली के अवसर पर वृंदावन की विधवा माताओं ने भी अपने जीवन में खुशियों के रंग भरे। नगला रामताल स्थित कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन में मंगलवार को होली महोत्सव का आयोजन किया गया, जहां विधवा माताओं ने राधाकृष्ण के स्वरूपों के साथ फूलों की होली खेली। इस दौरान रसिया गायन और नृत्य का आयोजन हुआ, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। सफेद साड़ी धारण करने वाली विधवा माताओं ने एक-दूसरे पर गुलाल लगाकर त्योहार की खुशियों में भाग लिया।