उमा दासगुप्ता, जो सत्यजीत रे की प्रतिष्ठित फिल्म पाथेर पंचाली में दुर्गा का किरदार निभाने के लिए जानी जाती थीं, का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से भारतीय सिनेमा जगत में शोक की लहर दौड़ गई हैं।
एंटरटेनमेंट: उमा दासगुप्ता के निधन से भारतीय सिनेमा जगत में एक शोक की लहर दौड़ गई है। सत्यजीत रे की ऐतिहासिक फिल्म पाथेर पंचाली में दुर्गा रॉय की भूमिका सिनेमा की सबसे यादगार और प्रभावशाली किरदारों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म ने न सिर्फ उमा को प्रसिद्धि दिलाई, बल्कि भारतीय सिनेमा की एक नई दिशा भी तय की। उमा दासगुप्ता की अभिनय में एक गहरी सादगी और स्वाभाविकता थी, जिसने दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए अपनी जगह बना ली। उनका निधन भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
उमा दासगुप्ता ने निभाया दुर्गा रॉय का किरदार
उमा दासगुप्ता का निधन सिनेमा जगत के लिए एक गहरी क्षति है. बता दें पाथेर पंचाली में उनका निभाया हुआ दुर्गा रॉय का किरदार आज भी फिल्म प्रेमियों के दिलों में बसा हुआ है। यह फिल्म सत्यजीत रे के निर्देशन में बनी थी। उमा का अभिनय और उनका किरदार इस फिल्म की आत्मा बने हुए हैं और उनकी मृत्यु के बाद यह किरदार फिर से लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया हैं।
जानकारी के मुताबिक उमा दासगुप्ता का कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हुआ और यह खबर उनके परिवार द्वारा साझा की गई। पाथेर पंचाली एक ऐसी फिल्म थी जिसने न सिर्फ भारतीय सिनेमा को एक नया आकार दिया, बल्कि उसे वैश्विक स्तर पर भी पहचान दिलाई। इस फिल्म ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समेत कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते।
बंगाली सिनेमा की शान थीं उमा दासगुप्ता
उमा दासगुप्ता का योगदान न केवल पाथेर पंचाली जैसी फिल्म के माध्यम से, बल्कि बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में उनके समग्र करियर से भी बहुत महत्वपूर्ण था। उन्होंने अपने अभिनय से कई फिल्मों में अपनी छाप छोड़ी, और उनकी अदाकारी को हमेशा सराहा गया। सत्यजीत रे जैसे महान निर्देशक के साथ काम करना उनके करियर का अहम हिस्सा रहा, और उन्होंने अपने किरदारों में जो गहराई और सच्चाई दिखाई, वह आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई हैं।
यद्यपि वह अब हमारे बीच नहीं रही हैं, उनके अभिनय और फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनकी यादें और उनकी फिल्मों का प्रभाव हमेशा जीवित रहेगा। उनके अंतिम संस्कार के बारे में कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन उनके परिवार, दोस्त और प्रशंसक इस समय शोक में डूबे हुए हैं। उमा दासगुप्ता का योगदान भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमिट रहेगा, और वह हमेशा एक प्रेरणा के रूप में याद की जाएंगी।