उमर अब्दुल्ला 6 साल बाद जम्मू सचिवालय से चलाएंगे सरकार, जानें क्यों बदल रहा है सरकार चलाने का तरीका

उमर अब्दुल्ला 6 साल बाद जम्मू सचिवालय से चलाएंगे सरकार, जानें क्यों बदल रहा है सरकार चलाने का तरीका
Last Updated: 2 दिन पहले

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सोमवार से जम्मू सचिवालय से सरकार का संचालन करेंगे। छह वर्षों के बाद, मुख्यमंत्री जम्मू सचिवालय में कार्यरत होंगे। जम्मू-कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू है, इसलिए अब सरकार जम्मू से ही चलायी जाएगी। कैबिनेट मंत्री भी अपने विभागीय कार्यालयों में पहुंचकर कामकाज शुरू कर देंगे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर सचिवालय का दौरा किया था।

जम्मू: छह वर्षों के बाद, जम्मू के नागरिक सचिवालय में मुख्यमंत्री की बैठक होगी। केंद्र शासित प्रदेश में चुनी हुई पहली सरकार बनने के बाद, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) सोमवार को नागरिक सचिवालय जम्मू में पहुंचकर सरकार के कामकाज का संचालन करेंगे। जम्मू-कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू है, इसलिए अब सरकार का संचालन जम्मू से ही होगा। कैबिनेट मंत्री भी अपने-अपने विभागीय कार्यालयों में पहुंचकर अपने कार्यों की शुरुआत कर देंगे।

मुख्यमंत्री आज सुबह सचिवालय पहुंचेंगे

मुख्यमंत्री सुबह सचिवालय पहुंचेंगे, जहां पर सचिवालय के कर्मी उनका स्वागत करेंगे। इसके बाद वह विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा के लिए बैठकें करेंगे।

हालांकि, अब दरबार मूव की प्रक्रिया बंद हो चुकी है, और प्रशासनिक सचिव दोनों सचिवालयों, जम्मू और श्रीनगर में बैठते हैं। जम्मू सचिवालय में सोमवार से प्रशासनिक सचिव और विभागों के अध्यक्ष उपलब्ध होंगे, लेकिन वे श्रीनगर सचिवालय में भी जरूरत के हिसाब से उपस्थित रहेंगे। इस संबंध में सामान्य प्रशासनिक विभाग ने अक्टूबर माह में आदेश जारी कर दिए थे।

इसके अलावा, अधिकारियों और कर्मियों के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए एस्टेट विभाग ने पहले ही प्रबंध कर लिए हैं।

मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर सचिवालय से शुरू की थी सरकार

मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला श्रीनगर सचिवालय गए थे, और अब वे जम्मू रहे हैं। मुख्यमंत्री के जम्मू आने को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। श्रीनगर में विधानसभा का पांच दिन का सत्र भी आयोजित किया गया था। अब मुख्यमंत्री जम्मू में विभिन्न विभागों के साथ बैठकें करेंगे और विकास प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करेंगे।

गर्मियों और सर्दियों में प्रशासनिक सचिव दोनों सचिवालयों में बैठते हैं, ताकि कामकाज में कोई रुकावट आए। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के सचिवालय में बैठने से लोगों की आवाजाही भी बढ़ेगी। नई सरकार ने जम्मू सचिवालय के लिए सारी तैयारियां पहले ही पूरी कर ली हैं।

जम्मू सचिवालय और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाई गई

जम्मू सचिवालय से सरकार के कामकाज की शुरुआत के बीच सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सचिवालय और इसके आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। चूंकि सचिवालय शहर के भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में स्थित है, इसलिए यातायात पुलिस को भी ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में राज्य के विशेष दर्जे का प्रस्ताव पारित

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाल ही में राज्य के विशेष दर्जे का प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे लेकर सदन में हंगामा हुआ। प्रस्ताव पारित होने के बाद, भा..पा. विधायकों ने इस पर जोरदार विरोध किया और अपने आक्रोश का इज़हार किया। यह विवाद उस समय उत्पन्न हुआ जब राज्य के विशेष दर्जे की रक्षा के पक्ष में पक्षीय सदस्यों ने प्रस्ताव को मंजूरी दी, जबकि भाजपा विधायकों ने इसे संविधान के खिलाफ बताते हुए विरोध किया।

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