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मुहम्मद यूनुस का विवादित बयान, चीन को आर्थिक विस्तार का न्योता, जानें पूरी जानकारी

मुहम्मद यूनुस का विवादित बयान, चीन को आर्थिक विस्तार का न्योता, जानें पूरी जानकारी
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हाल ही में अपनी चीन यात्रा के दौरान एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि ये राज्य 'भूमि से घिरे' हैं और इनके पास समुद्र तक पहुँचने का कोई मार्ग नहीं है।

ढाका: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन से बांग्लादेश में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का भूमि से घिरा होना एक अवसर साबित हो सकता है, जो चीन के लिए लाभकारी हो सकता है। यूनुस की यह टिप्पणी हालिया चार दिवसीय चीन यात्रा के दौरान की गई थी और सोमवार को इंटरनेट मीडिया पर सामने आई। इस बयान में यूनुस ने बांग्लादेश और चीन के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की संभावनाओं की बात की, साथ ही भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की भौगोलिक स्थिति को चीन के लिए एक रणनीतिक अवसर के रूप में पेश किया।

चीन के लिए अवसर की बात   

मुहम्मद यूनुस ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच नौ आर्थिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा, "भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को भूमि से घिरा होना चीन के लिए एक अवसर हो सकता है। बांग्लादेश इस क्षेत्र में समुद्र तक पहुँच का एकमात्र मार्ग है।" यूनुस ने चीन को बांग्लादेश में आर्थिक विस्तार करने का न्योता दिया।

भारत की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने यूनुस के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए सवाल किया कि भारत के सात राज्यों का भूमि से घिरे होने का उल्लेख क्यों किया गया। सान्याल ने कहा कि चीन का बांग्लादेश में निवेश का स्वागत है, लेकिन भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का ज़िक्र क्यों?

राजनीतिक विवाद

यूनुस के बयान पर भारतीय राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है। कांग्रेस ने इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश द्वारा चीन को आमंत्रित करना, भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ एक गंभीर कदम है। यूनुस ने अपने बयान में चीन को बांग्लादेश का 'मित्र' बताते हुए कहा कि द्विपक्षीय संबंध अब एक नए चरण में प्रवेश करेंगे। उन्होंने चीन को भारत के खिलाफ संतुलनकारी कारक के रूप में पेश किया।

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