RSS प्रमुख मोहन भागवत लखनऊ दौरे पर संगठन की बैठक में शामिल हुए। लखीमपुर में संत असंग देव से भेंट करेंगे। संघ के शताब्दी वर्ष की तैयारियों पर चर्चा हुई।
UP News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत मंगलवार को अपने पांच दिवसीय वाराणसी प्रवास के बाद लखनऊ पहुंचे, जहां उन्होंने संगठन के आगामी शताब्दी वर्ष 2025 की तैयारियों पर महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरे को संघ की संगठनात्मक रणनीति, सामाजिक पुनर्संवाद और संत समाज से जुड़ाव के लिहाज़ से बेहद अहम माना जा रहा है।
दो घंटे के लखनऊ प्रवास में संगठनात्मक बैठकें
सुबह 6:30 बजे ट्रेन से लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे भागवत, सीधे भारती भवन पहुंचे, जहां उन्होंने अवध प्रांत के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ आगामी योजनाओं और कार्यक्रमों को लेकर विचार-विमर्श किया। संघ के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक 2025 में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष nationwide campaign की तैयारी से जुड़ी थी।
इस दौरान डॉ. भागवत ने ‘मन ठीक’ नामक पहल के तहत निष्क्रिय और पुराने पदाधिकारियों से भी संवाद किया। इस संवाद का उद्देश्य था — पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय भूमिका में लाना और संघ की जमीनी पकड़ को और मजबूत करना।
लखीमपुर में संत असंग देव से भेंट
लखनऊ में लगभग दो घंटे रुकने के बाद डॉ. भागवत लखीमपुर खीरी रवाना हुए, जहां वे कबीरधाम में राष्ट्रीय संत असंग देव महाराज से आशीर्वाद लेंगे। असंग देव जी को कबीरपंथी परंपरा के प्रमुख संत के रूप में जाना जाता है, जिनके लाखों अनुयायी उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में फैले हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम है। संघ संत समाज के साथ संवाद बढ़ाकर समाज में वैचारिक संतुलन और धार्मिक सौहार्द को सशक्त करना चाहता है।
आगामी राष्ट्रीय अभियान की नींव रखने की कोशिश
लखनऊ प्रवास के दौरान डॉ. भागवत ने यह संकेत भी दिया कि संघ अक्टूबर-नवंबर 2025 से ‘संघ दर्शन जन जन तक’ अभियान की शुरुआत करेगा, जिसमें संघ के मूल विचारों, इतिहास और समाज सेवा के कार्यों को व्यापक स्तर पर प्रस्तुत किया जाएगा।