UP News: एक्शन में यूपी सरकार, पान मसाला और गुटखा मशीनों के रजिस्ट्रेशन पर योगी कैबिनेट का अहम फैसला, कंपनियों में मची हड़कंप

UP News: एक्शन में यूपी सरकार, पान मसाला और गुटखा मशीनों के रजिस्ट्रेशन पर योगी कैबिनेट का अहम फैसला, कंपनियों में मची हड़कंप
Last Updated: 1 घंटा पहले

योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इससे पहले, केंद्र सरकार ने जीएसटी के तहत मशीनों का रजिस्ट्रेशन करवाने और ऐसा करने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान रखा था। इसी आधार पर सभी राज्यों को मशीनों के रजिस्ट्रेशन और उनके उत्पादन के आधार पर टैक्स लगाने की प्रक्रिया को लागू करना आवश्यक था।

Lucknow: तंबाकू, पान मसाला और गुटखा बनाने वाली कंपनियों के लिए जीएसटी चोरी अब आसान नहीं होगा। योगी सरकार ने राज्य जीएसटी में मशीनों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। कंपनियों को हर मशीन के उत्पादन का विवरण रिटर्न दाखिल करते समय देना होगा। पंजीकरण कराने पर हर मशीन पर एक लाख रुपये का जुर्माना होगा। सोमवार को कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश को मंजूरी दी, जिससे नई धारा-122 जोड़ी गई है। इसके तहत उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर जुर्माना और मशीन सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

तंबाकू उत्पादों की जीएसटी चोरी पर कड़ी कार्रवाई

तंबाकू, पान मसाला और गुटखा बनाने वाली कंपनियों के लिए जीएसटी की चोरी अब आसान नहीं होगी। उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश को मंजूरी देते हुए निर्देश दिया है कि ऐसे उत्पादों को बनाने वाली कंपनियों को राज्य जीएसटी में अपनी मशीनों का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। कंपनियों को हर मशीन के उत्पादन का विवरण रिटर्न दाखिल करते समय प्रस्तुत करना होगा। अगर कोई कंपनी पंजीकरण नहीं कराती है, तो प्रत्येक मशीन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

जीएसटी पंजीकरण की नई व्यवस्था

कैबिनेट ने जीएसटी में मशीनों के पंजीकरण और उनसे होने वाले उत्पादन के आधार पर टैक्स लगाने की व्यवस्था को लागू किया है। नए अध्यादेश के तहत, जो कंपनियां इस नियम का उल्लंघन करेंगी, उन पर प्रति मशीन एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, और मशीन को सील कर दिया जाएगा। यदि कंपनियां तीन दिन के भीतर पंजीकरण और जुर्माना राशि जमा कर देती हैं, तो उनकी मशीन को सीलमुक्त किया जाएगा।

पशु चिकित्सा सेवाओं को मजबूत बनाने की पहल

योगी सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए एक नई नीति का निर्णय लिया है। इसके तहत, पशुपालन और परापशुचिकित्सा के क्षेत्र में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया है। अब निजी क्षेत्र भी इन पाठ्यक्रमों को संचालित कर सकेगा, जिससे प्रशिक्षित पैरावेट्स की संख्या बढ़ेगी।

पैरावेट्स के लिए प्रशिक्षण का महत्व

पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश में केवल 8,193 पशु चिकित्सक हैं, जबकि आवश्यकता इससे कहीं अधिक है। इसलिए पैरावेट्स को प्राथमिक उपचार, टीकाकरण और पशु स्वास्थ्य सेवाओं में प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जो नीति तैयार करेगी। प्रमुख पशु चिकित्सा संस्थानों से मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों के माध्यम से यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर पशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगी।

 

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