Uttarakhand News: उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल: नियमितीकरण की मांग

Uttarakhand News: उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल: नियमितीकरण की मांग
Last Updated: 2 घंटा पहले

उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों की मांगों को लेकर बने परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने दीपावली के बाद पांच नवम्बर से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। संविदा-विशेष श्रेणी के चालक-परिचालक और अन्य कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित कई मुद्दों पर कर्मचारियों का गुस्सा अब सरकार और परिवहन निगम प्रबंधन के खिलाफ खुलकर सामने रहा है।

Dehradun: उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। कर्मचारी संविदा-विशेष श्रेणी चालक-परिचालक अन्य कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। यह हड़ताल राज्य में परिवहन सेवाओं को बाधित कर सकती है। पिछले साल, सरकार ने हड़ताल को रोकने के लिए एस्मा (Essential Services Maintenance Act) लागू किया था।

हालांकि, अब एस्मा प्रभावी नहीं है और कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें लंबे समय से संविदा पर रखा जा रहा है और उनकी सेवाएं नियमित नहीं की जा रही हैं। उन्होंने सरकार से अपनी मांगों पर गंभीरता से विचार करने और जल्द से जल्द समाधान निकालने की अपील की है।

सरकार और प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा

चार जनवरी को परिवहन निगम मुख्यालय की मांग पर सरकार ने आंदोलन और हड़ताल रोकने के लिए निगम में छह महीने के लिए एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लागू कर दिया था। इस कारण कर्मचारियों के हाथ बंधे हुए थे, लेकिन अब एस्मा का प्रभाव खत्म होने के कारण कर्मचारी सरकार और निगम प्रबंधन के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल रहे हैं।

आइएसबीटी पर हुई परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक में सरकार और निगम प्रबंधन के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू करने और 5 नवंबर से बेमियादी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि 15 अक्टूबर को देहरादून स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब में परिवहन निगम की वित्तीय और प्रशासनिक कुप्रबंधन के विरुद्ध संयुक्त मोर्चा एक प्रेस वार्ता करेगा।

इस निर्णय से परिवहन निगम में फिर से अनिश्चितता का माहौल बन गया है। यह देखना होगा कि सरकार और निगम प्रबंधन कर्मचारियों की मांगों पर क्या कदम उठाते हैं।

कर्मचारियों का 3 दिन का कार्य बहिष्कार

मांगें पूरी होने पर संपूर्ण सेवाएं ठप उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारियों का संयुक्त मोर्चा 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक तीन दिवसीय कार्य-बहिष्कार करने जा रहा है। इसके साथ ही, 23 अक्टूबर को देहरादून, हल्द्वानी और टनकपुर बस अड्डों पर प्रदर्शन आयोजित किए जाएँगे।

यदि सरकार और निगम प्रबंधन कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं करते हैं तो दीपावली के बाद, 5 नवंबर से बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा और पूर्ण कार्य-बहिष्कार शुरू हो जाएगा। मोर्चा के संयोजक, अशोक चौधरी ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार, विशेष श्रेणी और संविदा कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण की मांग उठाई जा रही है। संयुक्त मोर्चा में उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन और परिवहन निगम एससी-एसटी श्रमिक संघ शामिल हैं। हड़ताल को लेकर मोर्चा ने पूरी तैयारी कर ली है।

निजी बसों के परमिट देने का विरोध

सरकार का परिवहन निगम को समाप्त करने का प्रयास?संयुक्त मोर्चा ने राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसों के परमिट देने का कड़ा विरोध किया है। आगामी 16 अक्टूबर को होने वाली संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में कर्मचारी इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। मोर्चा का आरोप है कि सरकार का यह कदम परिवहन निगम का अस्तित्व समाप्त करने का प्रयास है।

उनका मानना है कि निजी बसों को परमिट देने से सरकारी परिवहन निगम की आय कम होगी और उन्हें नुकसान होगा। इससे अंततः परिवहन निगम का विघटन हो सकता है, जिससे लाखों लोगों की रोजगारी खतरे में पड़ जाएगी।

मोर्चा ने सरकार से इस मामले पर पुनर्विचार करने और परिवहन निगम के हितों का ध्यान रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसों को परमिट देने का फैसला परिवहन क्षेत्र के विकास के लिए हानिकारक है।

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