Uttarakhand News: उत्तराखंड में चुनाव की प्रक्रिया तेज, ओबीसी आरक्षण के नए नियमों को मिली धामी सरकार की मंजूरी, 25 दिसंबर को जारी होगी अधिसूचना

Uttarakhand News: उत्तराखंड में चुनाव की प्रक्रिया तेज, ओबीसी आरक्षण के नए नियमों को मिली धामी सरकार की मंजूरी, 25 दिसंबर को जारी होगी अधिसूचना
Last Updated: 13 दिसंबर 2024

उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारी अपने अंतिम चरण में है। ऐसे में, ओबीसी आरक्षण के लिए नई नियमावली को धामी सरकार की मंजूरी मिल गई है।

Municipal elections in Uttarakhand: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। राज्य के सभी 102 नगर निकायों के लिए ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण की नई नियमावली को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात गुरुवार को स्वीकृति प्रदान की। इसके तहत, चुनाव प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ेगी और जनवरी 2025 में चुनाव होने की संभावना है।

नए नियमों के तहत क्या होगा?

उत्तराखंड (नगर पालिका, नगर पंचायत स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली 2025 और उत्तराखंड नगर निगम (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली 2024 को मंजूरी मिल गई है। शहरी विकास निदेशालय को इन नियमों के अनुसार प्रस्ताव तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है, जो मेयर, अध्यक्ष और पार्षदों के पदों का आरक्षण निर्धारित करेगा। प्रस्ताव तैयार कर इसे जिलों को भेजा जाएगा, जहां जिलाधिकारी आरक्षण लागू करते हुए अधिसूचना जारी करेंगे और जनता से सुझाव व आपत्तियां मांगी जाएंगी।

क्या है चुनावी प्रक्रिया?

2018 में नगर निकायों में 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू था, लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण लागू किया जाएगा। पहली बार, ओबीसी आरक्षण संबंधित क्षेत्र की ओबीसी आबादी के अनुपात में तय किया जाएगा। जिलों द्वारा अंतिम प्रस्ताव शहरी विकास निदेशालय को भेजा जाएगा, जो राज्य निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत करेगा। आयोग इस आधार पर चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा, जो 25 दिसंबर तक जारी हो सकती है।

चुनाव को  लेकर तैयारियां तेज 

निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों ही इस चुनाव को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक महत्वपूर्ण परीक्षा के रूप में देख रहे हैं। उत्तराखंड में 20 जनवरी तक निकाय चुनाव संपन्न होने की संभावना है, जिसमें 8 नगर निगम, 42 नगर पालिकाएं, और 52 नगर पंचायतें शामिल हैं। नई नियमावली के लागू होने से आरक्षण का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा, जिससे जनप्रतिनिधियों के चयन में क्षेत्रीय जनसंख्या का सही प्रतिबिंब दिखेगा।

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