Bangladesh News: क्या शेख हसीना करेगी घर वापसी? बांग्लादेश का क्या होगा अगला कदम, देखें आगे का प्लान

Bangladesh News: क्या शेख हसीना करेगी घर वापसी? बांग्लादेश का क्या होगा अगला कदम, देखें आगे का प्लान
Last Updated: 09 सितंबर 2024

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की स्वास्थ्य सलाहकार नूरजहां बेगम ने बताया कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान एक हजार से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने पिछले महीने हसीना और उनके नौ अन्य सहयोगियों के खिलाफ नरसंहार के आरोपों की जांच प्रारंभ की थी।

Dhaka: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पुनः बांग्लादेश लाने के लिए वहां की अंतरिम सरकार सक्रिय है। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के वरिष्ठ वकील मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने रविवार को जानकारी दी कि उनकी सरकार शेख हसीना के भारत से प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक कदम उठाने जा रही है। छात्रों द्वारा संचालित जन आंदोलन के दौरान सामूहिक हत्याओं के आरोपों के संबंध में उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।

हसीना के खिलाफ सख्त कार्रवाई

5 अगस्त को विरोध प्रदर्शनों के बाद, शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत चली गईं। अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने डेली स्टार अखबार के हवाले से बताया कि जुलाई और अगस्त में छात्रों के नेतृत्व वाले प्रदर्शन के दौरान सामूहिक हत्याओं के आरोपों के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि के तहत उन्हें वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

शेख हसीना को मिला गिरफ्तारी का वारंट

ढाका में आईसीटी परिसर में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान, उन्होंने कहा कि जब अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण अपने कार्य को पुनः आरंभ करेगा, तब हम सामूहिक हत्या और मानवता के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों में शेख हसीना समेत सभी फरार आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में आवेदन करेंगे।

परामर्श के बाद लिया जाएगा फैसला -मोहम्मद ताजुल

मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा कि आईटी के तहत दर्ज नए मामलों की सुनवाई के लिए मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण अधिनियम में संशोधन करने के संबंध में सरकार के साथ परामर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा। आरोपियों के खिलाफ सूचना, दस्तावेज और सबूत देशभर से इकट्ठा किए जाने की आवश्यकता होगी और उन्हें संकलित करके जांचना होगा। न्यायाधिकरण के समक्ष उचित ढंग से प्रस्तुत करना होगा, जो एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण और बड़ा कार्य है।

 

 

 

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