Brisbane Eam Jaishankar: ब्रिसबेन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- 'आने वाले समय में भारत-ऑस्ट्रेलिया बीच रिश्ता और मजबूत होगा'

Brisbane Eam Jaishankar: ब्रिसबेन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- 'आने वाले समय में भारत-ऑस्ट्रेलिया बीच रिश्ता और मजबूत होगा'
Last Updated: 2 दिन पहले

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को ब्रिसबेन में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वादे को पूरा करने आए हैं, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कहा था कि भारत ब्रिसबेन में एक वाणिज्य दूतावास खोलेगा।

ऑस्ट्रेलिया: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने एकदिवसीय ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान सोमवार को ब्रिसबेन में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि वे केवल वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करने नहीं आए हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने आए हैं कि वे सभी का धन्यवाद करें, जिनकी उपस्थिति, प्रयास और योगदान के कारण यह वाणिज्य दूतावास संभव हो पाया हैं।

जयशंकर ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वादे का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि भारत ब्रिसबेन में एक वाणिज्य दूतावास खोलेगा। यह उद्घाटन केवल भारत-ऑस्ट्रेलिया के व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग को भी मजबूती प्रदान करेगा।

एस. जयशंकर ने कहा कि...

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपने बयान में कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, और इसका श्रेय उन प्रयासों को दिया जा सकता है जो देश में व्यापार को बढ़ावा देने और जीवन को सरल बनाने के लिए शुरू किए गए हैं। उन्होंने "गति शक्ति" कार्यक्रम का उल्लेख किया, जिसके तहत बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार किए गए हैं।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने एक प्रभावी डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को लागू किया है, जिसने शासन की गुणवत्ता में सुधार किया है। इसके अलावा, उन्होंने राजनीतिक स्थिरता को सुनिश्चित करने की बात की, जो लिए गए निर्णयों को प्रभावी ढंग से लागू करने और नए निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुगम बनाती है। इस प्रकार, ये पहल केवल आर्थिक विकास में सहायक सिद्ध हो रही हैं, बल्कि भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत स्थान भी प्रदान कर रही हैं।

भारत और ऑस्ट्रेलिया का रिश्ता और होगा मजबूत- जयशंकर

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारतीय समुदाय की महत्वपूर्ण उपस्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि ब्रिस्बेन में लगभग 125,000 लोग भारतीय मूल के हैं, जिनमें से करीब 15,000-16,000 छात्र इस राज्य में निवास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया का भारत को 75% निर्यात इसी राज्य से होता है, जिसे उन्होंने एक उपलब्धि नहीं, बल्कि संभावनाओं की झलक के रूप में देखा। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए एक ऐसा ढांचा तैयार किया गया है, जो भविष्य में इस रिश्ते को विकसित करने में मदद करेगा।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि क्वाड (चतुर्भुज सुरक्षा संवाद) का स्थान भारतीय कूटनीति में सर्वोपरि है, और ऑस्ट्रेलिया इस द्विपक्षीय संबंध का संस्थापक भागीदार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कूटनीति में शब्दों का चयन महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि ये केवल अपनी प्रणाली को दर्शाते हैं बल्कि अन्य देशों को भी संकेत देते हैं।

डॉ. जयशंकर ने आगे कहा कि जब वे एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी की बात करते हैं, तो इसका नौकरशाही की दृष्टि से एक विशेष अर्थ है। उन्होंने भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के हालिया ऑस्ट्रेलिया दौरे का उल्लेख किया और बताया कि शिक्षा और अनुसंधान, विशेष रूप से ज्ञान अर्थव्यवस्था और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के युग में, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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