China-India: पूर्वी लद्दाख में चार साल बाद आज फिर से शुरू होगी पेट्रोलिंग, LAC से पीछे हटेंगी भारत-चीन की सेनाएं

China-India: पूर्वी लद्दाख में चार साल बाद आज फिर से शुरू होगी पेट्रोलिंग, LAC से पीछे हटेंगी भारत-चीन की सेनाएं
Last Updated: 2 घंटा पहले

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में भारत-चीन संबंधों में सुधार के लिए एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर उठाए जा रहे कदमों पर बात की। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों ने एक बड़ी पहल की है। डेमचोक और देपसांग के विवादित इलाकों से 29 अक्टूबर तक दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट जाएंगी।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच कूटनीतिक संबंधों में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने का निर्णय लिया है। आज से लेकर 29 अक्टूबर तक दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों से चरणबद्ध तरीके से पीछे हटेंगी। इस सैन्य वापसी का उद्देश्य सीमा पर शांति और स्थिरता कायम करना है, जिससे भारत और चीन के बीच विश्वास बहाली और संबंधों में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में सहयोग बढ़ाया जा सके।

पीछे हटेंगी भारत-चीन की सेनाएं

रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन के बीच एलएसी पर 2020 में सैनिकों के पीछे हटने और अस्थायी ढांचों को हटाने के बाद अब दोनों देशों के बीच गश्त की गतिविधियां फिर से शुरू होंगी। इस सैन्य वापसी का मुख्य उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग मैदानों जैसे टकराव बिंदुओं पर तनाव कम करना है।इस प्रक्रिया के तहत दोनों देशों के सैनिकों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पीछे हटना है, जिससे इन क्षेत्रों में स्थायित्व और शांति बनी रह सके। गश्त शुरू होने से सीमा सुरक्षा में सहयोग बढ़ेगा और पारस्परिक विश्वास बहाली में मदद मिलेगी, जो कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल हैं।

नवीनतम समझौते के अनुसार, भारत और चीन की सेनाओं के बीच सैन्य वापसी का यह प्रावधान केवल पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों के लिए ही लागू होगा, अन्य विवादित क्षेत्रों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस समझौते के तहत दोनों देशों के सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में लौट जाएंगे और उन क्षेत्रों में फिर से गश्त करेंगे जहां वे अप्रैल 2020 तक नियमित गश्त किया करते थे।

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