27 सितंबर को इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के खतरनाक कमांडर हसन नसरल्लाह को मार गिराया था। इसके बाद, ईरान ने एक अक्टूबर को इजरायल पर 180 से अधिक हवाई हमले किए। ईरान के इस हमले के बाद, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को समाप्त करने की कसम खाई थी। गुरुवार रात को हुए एक इजरायली हमले में हाशिम सफीद्दीन की भी मौत हो गई।
Israel Iran War Update: गुरुवार की रात बेरूत में हुए इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह के प्रमुख कमांडर हाशेम सफीदीन की जान चली गई। नसरल्लाह की मृत्यु के बाद हाशेम को हिजबुल्लाह का नेतृत्व सौंपा जाने वाला था। हालांकि, इस घटना पर हिजबुल्लाह और इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सुरक्षा प्रमुखों के साथ पीएम नेतन्याहू की बैठक
मिली जानकारी के अनुसार, इजरायल ने मंगलवार को ईरान के मिसाइल हमले का जवाब देने की कसम खाई थी। इजरायल हिजबुल्लाह के ठिकानों को सटीक रूप से नष्ट कर रहा है। बुधवार को पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा प्रमुखों के साथ एक बैठक की, जिसमें ईरान को कठोर जवाब देने की रणनीति तैयार की गई। इस योजना के तहत ही इजरायल ने गुरुवार को हिजबुल्लाह पर हमला किया और हाशेम सफीदीन को खत्म कर दिया। आइए जानते हैं कि इजरायल ईरान से किस प्रकार प्रतिशोध ले सकता है?
ईरान के सैन्य स्थलों पर संभावित हमले पर चर्चा
जानकारी के अनुसार, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल ईरान के सैन्य स्थलों को लक्षित करके अपनी प्रतिक्रिया दे सकता है। इजरायल के खिलाफ हमले के लिए जिन बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ था, उन्हें आईडीएफ हिजबुल्लाह के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है। इसके अतिरिक्त, इजरायल ईरान की वायु रक्षा प्रणालियों और मिसाइल-लॉन्चिंग सुविधाओं को भी नष्ट करने में सक्षम हो सकता है।
ईरान के परमाणु भंडार पर कर सकता है हमला
इजरायल ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला कर सकता है, जिससे तेहरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता में बाधा उत्पन्न हो सकती है। ईरान के परमाणु ठिकाने विभिन्न स्थानों पर फैले हुए हैं, जिनमें से कुछ भूमिगत भी हैं। हालांकि, इजरायल द्वारा इन परमाणु बुनियादी ढांचों पर हमले के परिणामस्वरूप एक बड़े युद्ध की संभावना बढ़ सकती है। इसके साथ ही, अमेरिका ने भी इजरायल को चेतावनी दी है कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला न करे।
ईरान के पेट्रोलियम ठिकानों पर संभावित हमले की आशंका
विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल ईरान को आर्थिक रूप से कमजोर करने के उद्देश्य से उसके पेट्रोलियम उद्योग पर हमला कर सकता है। यदि ऐसा होता है, तो ईरान की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इसके साथ ही, इस प्रकार के हमले का प्रभाव सऊदी अरब और अन्य खाड़ी अरब देशों में तेल उत्पादन सुविधाओं पर भी पड़ सकता है। इसका परिणाम पश्चिमी देशों और अन्य क्षेत्रों में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के रूप में सामने आ सकता है। हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा था कि वे ईरान पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं।
ईरान पर साइबर हमले की रणनीति
ईरान पर साइबर हमले का विकल्प भी मौजूद है। सैन्य प्रतिक्रिया को सबसे संभावित माना जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही ऐसे अन्य विकल्प भी हैं जिनमें मिसाइल हमले या कमांडो कार्रवाई शामिल नहीं हैं। मिसाइल और सैन्य हमलों के अलावा, इजरायल ईरान पर साइबर अटैक करने की योजना बना सकता है। हाल ही में लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाके हुए थे, जिनके लिए हिजबुल्ला ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था। इस स्थिति में, कयास लगाए जा रहे हैं कि इजरायल ईरान पर एक साइबर हमला भी कर सकता है।