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Ram Navami 2025: रामचरितमानस की इन शुभ चौपाइयों का करें पाठ, घर में रहेगी सुख-समृद्धि और शांति

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चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हर वर्ष राम नवमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। राम नवमी 2025 पर देशभर के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, शोभायात्राएं और भजन-कीर्तन का आयोजन हो रहा है। खासतौर पर अयोध्या में यह उत्सव एक भव्य पर्व के रूप में मनाया जाता है, जहां लाखों श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन और जन्म महोत्सव में भाग लेने आते हैं।

राम नवमी पर क्यों करें रामचरितमानस का पाठ?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, रामचरितमानस का पाठ करने से घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा, शांति, और धन-धान्य की वृद्धि होती है। खासतौर पर राम नवमी के दिन इसका पाठ बहुत ही पुण्यदायी माना गया है। कहते हैं कि जिस घर में रामायण या रामचरितमानस का नियमित पाठ होता है, वहां भगवान राम की विशेष कृपा बनी रहती है।

राम नवमी 2025 के इस पावन अवसर पर आप भी इन विशेष शुभ चौपाइयों का पाठ कर सकते हैं, जो श्रीराम की महिमा, भक्ति और सौभाग्य को बढ़ाने वाली हैं।

रामचरितमानस की ये चौपाइयां 

1. मंगलमूल रामु सुत जासू। जो कछु कहिअ थोर सबु तासू।।
रायँ सुभायँ मुकुरु कर लीन्हा। बदनु बिलोकि मुकुटु सम कीन्हा।।

2. भव भेषज रघुनाथ जसु, सुनहि जे नर अरू नारि।
 तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहि त्रिसिरारि।।

3. रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई। उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।।
 मनिगन पुर नर नारि सुजाती। सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।।

4. जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए।।
 भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।।

5. हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रणाम।
 राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम।।

6. जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी।।
 मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती।।

7. श्रवन समीप भए सित केसा। मनहुं जरठपनु अस उपदेसा।।
 नृप जुबराजु राम कहुँ देहू। जीवन जनम लाहु किन लेहू।।

8. एक समय सब सहित समाजा। राजसभां रघुराजु बिराजा।।
 सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।।

राम नवमी के दिन क्या करें विशेष?

श्रीराम की प्रतिमा या चित्र के सामने घी का दीपक जलाएं।
श्रीरामचरितमानस के बालकांड और अयोध्याकांड का पाठ करें।
प्रसाद में पंचामृत, फल, और तुलसी पत्र चढ़ाएं।
भक्ति भाव से “श्रीराम जय राम जय जय राम” मंत्र का जाप करें।

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