India-China Border: समझौते के बाद LAC पर भारत और चीन के बीच डिसइंगेजमेंट शुरू, इलाकों से पीछे हटी दोनों देशों की सेनाएं

India-China Border: समझौते के बाद LAC पर भारत और चीन के बीच डिसइंगेजमेंट शुरू, इलाकों से पीछे हटी दोनों देशों की सेनाएं
Last Updated: 5 घंटा पहले

भारत और चीन के बीच LAC को लेकर विवाद का समाधान हो गया है। सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के सैनिक पीछे हट रहे हैं और LAC पर लगे तंबू भी हटाए जा रहे हैं। भारतीय सैनिक चार्डिंग नाला के पश्चिमी किनारे की ओर लौट रहे हैं, जबकि चीनी सैनिक नाला के पूर्वी किनारे की दिशा में पीछे हट रहे हैं।

India-China Border: लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए भारत और चीन के बीच समझौते के कुछ दिन बाद, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, क्षेत्र में दोनों पक्षों ने एक-एक तंबू और कुछ अस्थायी संरचनाएं हटा दी हैं।

भारतीय सैनिक चार्डिंग नाला के पश्चिमी किनारे की ओर लौट रहे हैं, जबकि चीनी सैनिक नाला के पूर्वी किनारे की दिशा में पीछे हट रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों तरफ लगभग 10-12 अस्थायी ढांचे और 12 टेंट हैं, जिन्हें हटाने की योजना बनाई गई है। इस कदम से सीमा पर तनाव कम होने की उम्मीद है।

गश्त फिर से शुरू होने की संभावना

गुरुवार को चीनी सेना ने क्षेत्र में अपने वाहनों की संख्या को कम कर दिया, जबकि भारतीय सेना ने भी कुछ सैनिकों को वापस बुला लिया। सूत्रों के अनुसार, इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, अगले 4-5 दिनों में देपसांग और डेमचोक में गश्त फिर से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

भारत ने 21 अक्टूबर को घोषणा की थी कि वह चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त करने के समझौते पर पहुँच गया है, जो चार वर्षों से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में एक महत्वपूर्ण सफलता है। यह गतिरोध मई 2020 में गलवान घाटी में सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद शुरू हुआ था।

चीन-भारत समझौते की पुष्टि की

चीन ने भी अगले दिन भारत के साथ हुए समझौते की पुष्टि की, जिसमें कहा गया कि "प्रासंगिक मामलों" पर एक समाधान हो गया है और वह इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बताया कि उनका देश आगे चलकर इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ सहयोग करेगा।

सैनिकों की वापसी से सीमा पर तनावपूर्ण संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी और इस समझौते का समर्थन किया। इस बैठक के बाद दोनों पक्षों ने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्रों को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए, जिससे संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों का संकेत मिला।

भारत - चीन के बीच हुआ समझौता

भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने सैनिकों को पीछे हटाने और फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता विशेष रूप से डेपसांग और डेमचौक क्षेत्रों में पेट्रोलिंग से संबंधित है।

जानकारी के अनुसार, इन दोनों स्थानों पर पेट्रोलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, और जल्द ही दोनों देश अपने सैनिकों को पीछे हटाना प्रारंभ करेंगे, जिसे मिलिट्री टर्म में डिसइंगेजमेंट कहा जाता है। यह कदम दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव को कम करने और सीमा पर शांति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

कब हुआ समझौता?

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को बताया कि भारत और चीन के बीच पेट्रोलिंग को लेकर बनी सहमति से 2020 में पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न तनाव का धीरे-धीरे समाधान हो रहा है। यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम 22-23 अक्टूबर को हुए 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से ठीक पहले सामने आया।

पांच साल में पहली बार हुई इस बैठक में, पीएम मोदी ने सीमा संबंधी मामलों पर मतभेदों को सीमा पर शांति और स्थिरता को भंग करने देने की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए पीएम मोदी द्वारा दिए गए सुझावों पर "सैद्धांतिक रूप से" सहमति जताई।

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