ईरान के हमले के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करने की ठान ली है। दोनों देशों के बीच हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस बढ़ते तनाव के अत्यंत गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। इसी बीच, कई विशेषज्ञों से बातचीत की है ताकि यह समझा जा सके कि आगे क्या घटनाएं हो सकती हैं...
Israel-Iran: लेबनान पर इजराइल के तेज़ी से बढ़ते हमलों और ईरान के मिसाइल हमलों के जवाब में, मध्य पूर्व में एक बड़े युद्ध का खतरा बढ़ गया है। कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद तनाव कम नहीं हो रहा है, और दोनों देशों में हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस बढ़ते तनाव के गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। इस बीच, समाचार एजेंसी एएफपी ने कई विश्लेषकों के साथ बातचीत की है ताकि यह समझा जा सके कि आगे क्या संभावनाएं बन सकती हैं...
क्या इजराइल जवाबी कार्रवाई करेगा?
- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के मिसाइल हमले के बाद कहा है कि ईरान ने एक बड़ी गलती की है और उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। पेरिस स्थित थिंक-टैंक जीन-जौर्स फाउंडेशन के मध्य पूर्व विशेषज्ञ डेविड खल्फा का कहना है कि इजरायल के पास ईरानी हमले का जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि इस बार ईरान ने बड़े पैमाने पर हमला किया है। यह दूसरा मौका है जब ईरान ने सीधे इजरायल पर हमला किया।
- अप्रैल में, लगभग 300 ड्रोन और मिसाइलों के हमले के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की थी, जिसमें एक ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया गया था। विश्लेषकों के अनुसार, इस बार इजरायल की प्रतिक्रिया कहीं अधिक व्यापक होने की संभावना है।
- तेल अवीव में इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज (INSS) में ईरान विशेषज्ञ डैनी सिट्रिनोविक्ज ने कहा कि इस सप्ताह इजरायली यहूदी नव वर्ष का उत्सव मनाया जा रहा है, इसलिए तत्काल जवाबी हमला करना संभव नहीं लग रहा है। हालांकि, इजरायल को ज्यादा समय नहीं लगेगा।
इजरायल के पास क्या विकल्प हैं?
- डेविड खल्फा के अनुसार, ईरानी हमले के बाद इजरायली अधिकारियों ने ईरानी शासन को जड़ से समाप्त करने के पक्ष में विचार किया और एक निर्णायक कार्रवाई करने की इच्छा जताई।
- इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट उन पहले नेताओं में से एक थे जिन्होंने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले का आह्वान किया था, क्योंकि इजरायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा मानता है। इजरायल को हमेशा से यह चिंता रही है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित कर सकता है, जो पूरे क्षेत्र में स्थिरता को खतरे में डाल सकता है और विशेष रूप से इजरायल के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इजरायल संभावित रूप से ईरान के परमाणु ठिकानों और अन्य महत्वपूर्ण औद्योगिक स्थलों पर विभिन्न तरीकों से कार्रवाई कर सकता है। विशेषज्ञों और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इनमें लक्षित हत्याएं, औद्योगिक स्थलों पर हमले, और साइबर हमले शामिल हो सकते हैं। इजरायल के पास इसके उदाहरण भी मौजूद हैं, जैसे कि पूर्व में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद द्वारा ईरानी वैज्ञानिकों की हत्याएं, और साइबर हमले जैसे कि 2010 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को धीमा करने के लिए किए गए स्टक्सनेट वायरस का हमला।
क्या तैयार हैं युद्ध के लिए ईरान और इजराइल?
INSS में ईरान विशेषज्ञ डैनी सिट्रिनोविक्ज के अनुसार, ईरान इस बार युद्ध के लिए पहले से ही तैयार है। उसे ये भली-भांति ज्ञात है कि इजरायल हमला करेगा, और इस बार वो जवाबी कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। वाशिंगटन में सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलिसी के सीनियर फेलो सिना तूसी ने बताया कि इस समय सब कुछ इजरायल की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा, चाहे वह एक क्षेत्रीय युद्ध में बदल जाए या नहीं।