महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति ने घोषणापत्र जारी किया, जिसमें 10 चुनावी वादे शामिल हैं। इनमें प्रमुख वादा लाडकी बहिन योजना की राशि बढ़ाने का है। महायुति ने राज्य के विकास और महिलाओं के लिए कई अन्य योजनाओं की घोषणा भी की, जो चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं।
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अब महज दो हफ्ते से भी कम समय बाकी है, और सभी राजनीतिक दल जनता से कई वादे कर रहे हैं। इस क्रम में महायुति, जिसमें भाजपा, शिवसेना, एनसीपी और अन्य दल शामिल हैं, ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है। घोषणा पत्र में महायुति ने जनता से कुल 10 वादे किए हैं। इनमें राज्य के विकास, महिलाओं के कल्याण और सामाजिक कल्याण से जुड़ी कई योजनाएं शामिल हैं, जिन्हें चुनावी वादों के तौर पर पेश किया गया है।
दस प्रमुख वादों का ऐलान
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कोल्हापुर में एक रैली के दौरान महायुति के घोषणापत्र में शामिल दस प्रमुख वादों का ऐलान किया। इसमें लाडकी बहिन योजना के तहत मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 2,100 रुपये करने की घोषणा की गई। इसके साथ ही राज्य के पुलिस विभाग में 25,000 महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करने और कृषि ऋण माफी का वादा भी किया गया। सीएम शिंदे ने यह सब उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ साझा किया।
महायुति के घोषणापत्र में प्रमुख वादे
1. लाडकी बहिन योजना के तहत राशि बढ़ाकर 2100 रुपये की जाएगी।
2. 25,000 महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाएगी।
3. कृषि ऋण माफी और किसान सम्मान योजना से किसानों को 15,000 रुपये सालाना मिलेगा।
4. वरिष्ठ नागरिकों को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये की सहायता दी जाएगी।
5. सभी के लिए भोजन और आश्रय की सुनिश्चित व्यवस्था।
6. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर रखने की गारंटी।
7. 45,000 ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा।
8. आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को ₹15,000 की सहायता और सुरक्षा कवर मिलेगा।
9. 'विजन महाराष्ट्र @2029' के तहत सरकार बनने के बाद विकास योजनाओं का विस्तार।
10. बिजली बिल में 30% की कटौती की जाएगी।
11. 25 लाख नौकरियां सृजित की जाएंगी और 10 लाख छात्रों को प्रति माह 10,000 रुपये मिलेंगे।
सीएम शिंदे का बयान
कोल्हापुर में आयोजित रैली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जल्द ही एक विस्तृत घोषणापत्र जारी किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के खजाने पर कोई अतिरिक्त बोझ डाले बिना कृषि ऋण माफ किए जाएंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 20 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी।