म्यांमार में भूकंप के बाद लगातार झटके, 1000 से अधिक मौतें, 2376 घायल; भारत ने राहत भेजी, थाईलैंड में भी भूकंप, संयुक्त राष्ट्र ने मदद का वादा किया, स्थिति गंभीर।
Myanmar Earthquake Update: म्यांमार में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद से लगातार झटके महसूस हो रहे हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, शुक्रवार रात 11:56 बजे (स्थानीय समयानुसार) 4.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है। इस भूकंप के बाद राहत कार्यों में तेजी लाई गई है, लेकिन म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने घोषणा की है कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। फिलहाल, 1002 लोग मारे जा चुके हैं और 1670 लोग घायल हैं।
भूकंप के बाद अफगानिस्तान में भी महसूस हुआ झटका
म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद शनिवार सुबह अफगानिस्तान में भी 4.7 तीव्रता का भूकंप आया। यह भूकंप 180 किमी गहरे में आया था, लेकिन अभी तक किसी नुकसान की सूचना नहीं है।
म्यांमार और थाईलैंड में भारी नुकसान
म्यांमार और थाईलैंड में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप ने इमारतों, पुलों और बौद्ध मठों को नष्ट कर दिया। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी एक निर्माणाधीन इमारत ढहने से कम से कम 10 लोग मारे गए हैं।
म्यांमार में जारी हैं राहत कार्य
म्यांमार, जो पहले ही गृहयुद्ध की स्थिति से जूझ रहा है, में भूकंप के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है। सैन्य शासन के तहत कठिन नियंत्रण की वजह से सूचना का प्रवाह कम हो रहा है, लेकिन मदद की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। म्यांमार की सैन्य सरकार ने कहा कि मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
भारत ने म्यांमार को भेजी 15 टन राहत सामग्री
भारत ने म्यांमार में आई आपदा के बाद 15 टन राहत सामग्री भेजी है, जिसमें जरूरी दवाइयां, खाद्य पदार्थ और राहत सामग्री शामिल हैं। भारतीय वायुसेना का सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान म्यांमार रवाना हुआ, ताकि वहां की जनता की मदद की जा सके।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों से म्यांमार को राहत
संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार के लिए 5 मिलियन डॉलर की राहत राशि प्रदान की है, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी म्यांमार की मदद करने का संकल्प लिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि राहत कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं।
सड़कें, पुल और बांध टूटीं, बचाव कार्यों में आ रही कठिनाइयां
भूकंप के कारण टूटी सड़कों, ढह चुके पुलों और टूटे बांधों ने म्यांमार के सुदूर इलाकों तक राहत पहुंचाने में दिक्कतें पैदा की हैं। इंटरनेशनल रेक्यू कमिटी के म्यांमार डायरेक्टर मोहम्मद रियास ने कहा कि भूकंप से हुए विनाश का आकलन करने में कई सप्ताह लग सकते हैं।
गृह युद्ध की वजह से राहत कार्यों में चुनौती
म्यांमार में सैन्य शासन और गृह युद्ध के कारण 3 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं और 20 मिलियन लोग मदद के इंतजार में हैं। राहत कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता की जरूरत और भी बढ़ गई है।
म्यांमार के लिए राहत का प्रयास
म्यांमार में भूकंप सामान्य बात है, लेकिन हालिया भूकंपों ने पूरे क्षेत्र में भय पैदा कर दिया है। सागाइंग फॉल्ट के पास 1930 से 1956 तक कई शक्तिशाली भूकंप आए थे, जिनका असर अब भी महसूस किया जा रहा है।
भूकंप के कारण प्रभावित इमारतें
थाईलैंड में भूकंप के बाद 10 लोगों की मौत हो गई और 101 लोग लापता हैं। बैंकॉक में इमारतों को भूकंप के झटके झेलने के लिए डिजाइन नहीं किया गया था, जिस कारण बड़ी क्षति हुई।
WHO और अन्य एजेंसियों ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में मदद
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए अपने लॉजिस्टिक्स हब को सक्रिय कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के कारण कई घायलों का इलाज करने के लिए बड़ी संख्या में आघात संबंधी आपूर्ति की आवश्यकता होगी।