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नेपाल में राजशाही की वापसी, पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह हो सकते हैं गिरफ्तारी, जानें पूरा मामला

नेपाल में राजशाही की वापसी, पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह हो सकते हैं गिरफ्तारी, जानें पूरा मामला
अंतिम अपडेट: 2 दिन पहले

नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग जोर पकड़ती जा रही है, जिससे देश में तनाव और हिंसा बढ़ती जा रही है। काठमांडू में राजशाही समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं। इस स्थिति के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आपात कैबिनेट बैठक बुलाई हैं।

Nepal Political Crisis: नेपाल में राजशाही को दोबारा स्थापित करने की मांग तेजी से जोर पकड़ रही है। इस मांग को लेकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिनके कारण स्थिति हिंसक हो गई है। हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। बढ़ते तनाव और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सुरक्षा प्रमुखों के साथ आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए रणनीति पर चर्चा की जा रही हैं।

पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह पर गिर सकती है गाज

नेपाल ने 2008 में राजशाही को समाप्त कर धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की थी। लेकिन हाल के वर्षों में बढ़ते राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और बार-बार बदलती सरकारों के कारण जनता में असंतोष बढ़ गया है। इस असंतोष ने राजशाही की वापसी के समर्थन को एक नई ऊर्जा दी है।प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसक प्रदर्शन और आगजनी की घटनाओं के बीच नेपाल सरकार ने पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं। 

सरकार के एक मंत्री ने संकेत दिया कि ज्ञानेन्द्र शाह को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार करने पर विचार हो रहा है। इस पर अंतिम निर्णय सुरक्षा प्रमुखों के साथ चर्चा के बाद ही लिया जाएगा।

हिंसा और आगजनी से काठमांडू में कोहराम

काठमांडू के कई हिस्सों में राजशाही समर्थकों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की। इसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। हिंसा के दौरान एक कॉर्शियल कॉम्प्लेक्स, शॉपिंग मॉल और एक राजनीतिक दल के मुख्यालय में आगजनी की गई। इस हिंसा में 12 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।

काठमांडू में हिंसा बढ़ने के कारण त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। कई उड़ानों को भारत की ओर डायवर्ट किया गया, जिसमें बैंकॉक, ढाका, दुबई और सियोल से आने वाली उड़ानें शामिल हैं। कतर एयरवेज, फ्लाई दुबई और बाटिक एयर की उड़ानें भी रोक दी गई हैं।

नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल

हाल ही में लोकतंत्र दिवस के अवसर पर पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह ने जनता से समर्थन की अपील की थी। इसके बाद, जब ज्ञानेन्द्र शाह अपनी धार्मिक यात्रा से लौटे, तो हवाई अड्डे पर हजारों समर्थकों ने उनका स्वागत किया। "राजा वापस आओ, देश बचाओ" जैसे नारों ने संकेत दिया कि राजशाही का समर्थन गहरा होता जा रहा हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता राजशाही की ओर देख रही है। 2008 के बाद से नेपाल में 13 सरकारें बदल चुकी हैं, लेकिन स्थिरता नहीं आई। इस माहौल में राजशाही के समर्थन में उभर रही लहर सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं।

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