खैबर पख्तूनख्वा की तिराह घाटी में 3 घंटे चली मुठभेड़ में लश्कर-ए-इस्लाम के 2 बड़े कमांडर मारे गए। ऑपरेशन में 7 उग्रवादी और 6 सुरक्षाकर्मी घायल हुए, जबकि सेना ने 3 इलाकों में मोर्चा संभाला।
terror attack: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में सोमवार देर रात पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने एक बड़ी आतंक विरोधी कार्रवाई (एंटी-टेरर ऑपरेशन) चलाया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य लश्कर-ए-इस्लाम जैसे उग्रवादी संगठन के आतंकवादियों को निष्क्रिय करना था। हालांकि, इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के सुरक्षाकर्मी भी भारी नुकसान झेलने पड़े, जिनमें 8 जवान शहीद हो गए। बावजूद इसके, सुरक्षा बलों ने अपनी कार्रवाई जारी रखी और इस दौरान लश्कर-ए-इस्लाम के 2 प्रमुख कमांडरों को मार गिराया।
ऑपरेशन और मुठभेड़ लगातार जारी
खैबर पख्तूनख्वा के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित तिराह घाटी में हुई इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच जमकर गोलीबारी हुई। पाकिस्तान के सुरक्षाबलों ने इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर यह ऑपरेशन चलाया था, जिसका उद्देश्य लश्कर-ए-इस्लाम के आतंकवादियों को समाप्त करना था। इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के सुरक्षाबल और आतंकवादी एक-दूसरे के खिलाफ भीषण संघर्ष में उलझे। लगभग तीन घंटे तक चली मुठभेड़ में पाकिस्तान के सुरक्षाबल और आतंकवादियों के बीच तीव्र गोलीबारी का दौर चला, जिसके परिणामस्वरूप 9 उग्रवादी मारे गए, जबकि 8 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गए।
7 उग्रवादी और 6 सुरक्षाकर्मी घायल
मुठभेड़ के दौरान 7 उग्रवादी और 6 सुरक्षाकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान इलाके के आसपास रहने वाले कुछ नागरिक भी गोलीबारी की चपेट में आ गए और घायल हो गए। पाकिस्तान के सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन में लगभग तीन प्रमुख इलाकों में तैनात होकर आतंकवादियों का सामना किया। सैनिकों ने इलाके को घेरने के बाद आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। इस ऑपरेशन की सफलता का एक प्रमुख कारण इंटेलिजेंस इनपुट और पाकिस्तान के सुरक्षा बलों का तालमेल था।
खैबर पख्तूनख्वा में पूर्व के हमले और आतंकवाद की स्थिति
यह क्षेत्र पाकिस्तान के लिए हमेशा से एक संघर्ष का स्थल रहा है, जहां पहले भी चीनी नागरिकों और पाकिस्तानी सेना के जवानों पर कई हमले हो चुके हैं। अगस्त 2021 में, पाकिस्तान के ग्वादर इलाके में चीनी नागरिकों के एक काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। जुलाई 2021 में खैबर पख्तूनख्वा में चीनी वर्कर्स को ले जा रही एक बस पर आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें 9 लोग मारे गए थे।
स्थानीय नागरिकों का संघर्ष और सुरक्षा बलों का सहयोग
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस क्षेत्र में चल रहे आतंकवाद और संघर्ष के कारण स्थानीय जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। यह इलाका विभिन्न आतंकवादी समूहों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन चुका है, जिससे सुरक्षाबलों को कई बार वहां ऑपरेशन चलाने की आवश्यकता पड़ी है। पाकिस्तान की सेना ने इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है और सुरक्षा बलों का सहयोग करने के लिए स्थानीय लोगों से भी सहायता प्राप्त की जा रही है।
पाकिस्तान की सुरक्षा नीति और भविष्य की चुनौती
पाकिस्तान में आतंकवाद और उग्रवाद की समस्या लगातार बढ़ रही है, और इस प्रकार के ऑपरेशन इसका जवाब देने का एक तरीका हैं। हालांकि, सुरक्षा बलों के लिए यह भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, क्योंकि उग्रवादी संगठनों की गतिविधियां सीमांत क्षेत्रों में बहुत सक्रिय रहती हैं। पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा नीतियों में सुधार और आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक योजना तैयार करने की आवश्यकता है, ताकि आने वाले समय में इन हमलों को और अधिक प्रभावी तरीके से रोका जा सके।